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CG News: एक साथ जली 6 चिताएं, CM ने परिजनों को 28 लाख रुपए की आर्थिक मदद का किया ऐलान

CG News: 6 जवान बेटों की चिता एकसाथ जली तो परिवार ही नहीं, पूरे गांव की आंखें छलक पड़ी। परिजनों का तो रो-रोकर बुरा हाल था

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CG News: शहर से लगे मोहतरा गांव में रविवार को बिजली गिरने से 7 लोगों की मौत हो गई थी। इनमेें से 6 मोहतरा के थे। सभी की उम्र 18 से 40 साल के बीच थी। ऐसे में सोमवार को जब 6 जवान बेटों की चिता एकसाथ जली तो परिवार ही नहीं, पूरे गांव की आंखें छलक पड़ी। ( CG News ) परिजनों का तो रो-रोकर बुरा हाल था ही, आसपास मौजूद लोग भी उनके इस दुख को देखकर सिसक पड़े। एक अन्य युवक का अंतिम संस्कार उसके गृहग्राम रसेड़ी में किया गया।

CG News: इधर, सीएम विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर ने हादसे में मारे गए 7 लोगों के परिवार को 4-4 लाख के हिसाब से 28 लाख रुपए का मुआवजा मुहैया करवा दिया है। गौरतलब है कि रविवार दोपहर 3.30 से 4 बजे के बीच गांव के नया तालाब किनारे महुआ पेड़ पर गाज गिरी थी।

CG News: पेड़ के नीचे खड़े सात लोगों की मौत

इसके चलते महुआ पेड़ के नीचे खड़े सात लोगों की मौत हो गई। मृतक 7 लोगों में से 6 मुकेश पिता राजन, टंकर पिता हेमलाल, संतोष पिता महेश, थानेश्वर पिता दाऊ, पुखराज पिता दुखू तथा देव कुमार पिता गोपाल दास ग्राम मोहतरा के निवासी थे। ऐसे में गांव में रविवार से ही मातम पसरा रहा। रविवार रात भी गांव के ज्यादातर घरों में चूल्हे नहीं जले। लोग मृतकों के परिजनों को ढांढस बंधाते रहे। छोटे बच्चों तथा बुजुर्गों को रात में खाना खिलाकर सुला दिया गया था।

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गांव की महिलाएं व पुरुष मृतकों के परिवारवालों के साथ रातभर जागते रहे। पोस्टमार्टम के बाद शव सुबह जब गांव पहुंचे थे, पूरा गांव रोने-बिलखने की आवाज से गूंज उठा। गांव के अलावा आसपास के इलाकों से भी लोग मुक्तिधाम पहुंचे और 6 जवान बेटों को नम आंखों के साथ अंतिम विदाई दी। चर्चा में भी ये बात आम रही कि जिन 6 लोगों का असामयिक निधन हुआ, सभी मिलनसार स्वभाव के थे। गांव में उनके सभी से संबंध अच्छे थे। सोमवार को भी गांव के अधिकांश घरों में चूल्हा नहीं जला।

बिजली से बचाएगी दामिनी प्ले स्टोर से इंस्टॉल करें ऐप

आकाशीय बिजली गिरने से जन-पशु हानि की घटनाओं से निपटने केंद्र सरकार ने दामिनी ऐप बनाया है। इसे आप गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। इस ऐप पर आपको 20 से 21 किमी के दायरे में बिजली गिरने का पूर्वानुमान मिल जाता है। जिले में बिजली गिरने से बढ़ती जन-पशु हानि को देखते हुए कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखो व मैदानी अमले से दामिनी ऐप डाउनलोड करने कहा है। लोगों से भी अपील की है कि इस ऐप को डाउनलोड करें। इसके अलावा मेघदूत ऐप आपको तापमान, वर्षा की स्थिति, हवा की गति और दिशाओं की जानकारी देने में मदद करेगा। किसानों के लिए ये कारगर है।

बादल गरजे और बिजली चमके तो…

● अगर खुली जगह हैं…

खड़े होने लायक कोई स्ट्रक्चर न मिले तो जहां खड़े हैं, वहीं उखरू होकर बैठ जाएं। यानी पैरों को एकसाथ करते हुए दोनों हाथों को सिर के पीछे ले जाएं। सिर झुकाने की पोजिशन में बैठ जाएं। जमीन पर सपाट खड़े न रहें। फोन, बिजली लाइन, धातु की बाड़ी, पेड़ और पहाड़ी से दूर रहें। पेड़ो के नीचे शरण न लें। रबर सोल वाले जूते और कार के टायर बिजली से सुरक्षा प्रदान नहीं करते हैं।

● अगर सफर पर हैं…

बाइक समेत दूसरे वाहनों से दूर रहें। ये बिजली (गाज) को आकर्षित कर सकते हैं। नौका विहार या तैराकी कर रहे हैं, तो जल्द सुरक्षित शरण लें। तूफान के दौरान तब तक गाड़ी में ही रहें, जब तक मदद नहीं आ जाती। धातु की छत तभी तक सुरक्षा करती है, जब तक आप धातु को नहीं छू रहे। इस बात का ध्यान रखें। गाड़ी की खिड़कियां बंद रखें। गाड़ी पेड़, बिजली लाइन से दूर पार्क करें।

तेज गड़गड़ाहट सुनते ही तो खिड़की-दरवाजे बंद कर लें। बाहर पड़ी वस्तुओं जैसे फर्नीचर, डिब्बे आदि को सुरक्षित करें। अनावश्यक बिजली उपकरणों को अनप्लग करें। पेड़ की लकड़ी या अन्य मलबा हटा दें, ये दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। स्नान या शॉवर लेने से बचें। बहते पानी से दूर रहें। खिड़की-दरवाजे, फायर प्लेस, स्टोव बाबटव समेत अन्य विद्युत कंडक्टर से दूर रहें।

मंत्री वर्मा ने अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल-चाल पूछा

रविवार को घटना की जानकारी मिलते ही राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा रायपुर से बलौदाबाजार के लिए निकल गए थे। यहां जिला अस्पताल पहुंचकर उन्होंने घायलों का हाल जाना। मृतकों के परिजनों से मिलकर उन्हें ढांढस बंधाया। कलेक्टर दीपक सोनी ने भी देर रात अस्पताल पहुंचकर घायलों का हाल जाना।

इधर, सोमवार को भी दिनभर शहर के आसपास काले घने बादल छाए रहे। एक दिन पहले कुछ किमी दूर गांव में बिजली बिरने से 7 की मौत से सबको दहला दिया है। ऐसे में बारिश में भीगने के लिए सड़कों पर घूमते नजर आने वाले युवा भी सोमवार को बारिश के दौरान सड़कों पर नजर नहीं आए।