
CG News: किसानों के लिए अब जमीनों के रेकॉर्ड में सुधार से लेकर योजनाओं का फायदा उठाने तक फार्मर आईडी जरूरी है। सरकार जल्द से जल्द इस काम को पूरा कर लेना चाहती है। इसके लिए जिले के अफसरों पर सीधे मंत्रालय से प्रेशर है। उधर, टुंडरा तहसील की एक पटवारी और अनॉफिशियल असिस्टेंट इसके बदले किसानों से 5 हजार रुपए तक रिश्वत मांग रहे हैं। सबूत के तौर पर पत्रिका के पास वो वीडियो है, जिसमें काम के बदले असिस्टेंट पैसे लेते दिख रहा है।
वीडियो मंगलवार का है। इसमें महिला पटवारी रितेश तंवर के साथ उनके असिस्टेंट प्रवीण गुप्ता हैं। रिश्तें में दोनों पति-पत्नी हैं। वीडियो में उनकी किसानों से बातचीत होती है, जो छत्तीसगढ़ी में है। इसका हिंदी अनुवाद कुछ इस प्रकार है… किसान कहता है- मैं नया नहीं भैया। गांव के लोगों को पहचानते हैं या नहीं? मैं पहले ही बात कर लेता हूं। जितना लगेगा उतना खर्चा… (बीच में असिस्टेंट टोंकते हुए) तहसीलदार के पास भेज देता हूं न यार।
तहसीलदार के पास भेज देता हूं। करवा (काम) लेना भई। फिर तुहारा मन करेगा तो पैसे दे देना, वरना मत देना। इतना कहते हुए प्रवीन ने अपने हाथ बढ़ाए और साथ में आए दूसरे किसान ने 5-500 रुपए के नोट उसे थमा दिए।
फिर वह किसान कहता है… हम लोग पार्टी (भाजपा) से जुड़े आदमी हैं। कम से कम हमारी तो इज्जत कर लिया करो। इस पर प्रवीण ने कहा, सभी किसान के लिए एक बात है। हमें सबका काम करना है। बता दें कि सरकारी सेटअप में पटवारियों के लिए असिस्टेंट का कोई प्रावधान नहीं है। पटवारी की भर्ती ही इसी आधार पर होती है कि उसे कंप्यूटर शिक्षा का ज्ञान है। कहने का मतलब ये कि इन असिस्टेंट, ऑपरेटरों की आड़ में सभी जगहों पर खुला भ्रष्टाचार चल रहा है।
पटवारी की रिश्वतखोरी से परेशान किसानों की शिकायत भाजपा तक भी पहुंची है। पार्टी की ओर से मंडल अध्यक्ष दुर्गेश कुमार साहू ने एसडीएम को पत्र लिखकर कार्रवाई की मांग की है। इसमें उन्होंने बताया है कि गिरौद पटवारी अपने हल्के में नरधा और बरेली गांव के किसानों से हर काम के लिए रिश्वत मांगती हैं। पैसे नहीं मिलने पर काम अटका देती हैं। इससे किसान तंग आ गए हैं। लगातार अपनी शिकायत लेकर उनके पास आ रहे हैं। इससे सरकार की महती योजनाएं भी बुरी तरह प्रभावित हो रहीं हैं। ऐसे में घुसखोर पटवारी का तत्काल ट्रांसफर करते हुए क्षेत्र में नए पटवारी की नियुक्ति की मांग की गई है।
परिवार के संयुक्त खाते से नाम अलग कराने पटवारी के पास गया था। पटवारी ने खर्चापानी मांगा। यह पैसे उसने अपने पति को देने कहा। पटवारी का पति बगल में ही बैठा था। पर्ची अलग करने 8 हजार मांगे। आईडी के लिए 1500 अलग से लिए। - पराग कर्ष, नरधा
किसान पंजीयन कराने के लिए पटवारी कार्यालय गए थे। इस दौरान पटवारी ने 2000 रुपए की मांग की। ले-देकर मामला 1500 रुपए में सेटल हुआ। इतने सामान्य काम के लिए पटवारी को 1500 रुपए देना खल रहा है। - मिहि कुमार प्रधान, नरधा
बी-1 के लिए पटवारी के पास गए। वहां से जो दस्तावेज मिले, उस पर पुराने पटवारी के दस्तात थे। आपत्ति करने पर तंवर ने बताया कि पोर्टल में सिग्नेचर ऑनलाइन अपडेट होगा। इसके लिए पैसे लगेंगे। - पुनाराम साहू
खाते से नाम अलग करवाने के लिए पटवारी के पास गए थे। पर्ची में नाम अलग करने के लिए उसने 80 हजार रुपए की डिमांड की। इतने पैसे देने में असमर्थता जताई तो पटवारी ने काम करने से साफ इनकार कर दिया। - धर्मेंद्र कुमार साहू
पटवारी के खिलाफ शिकायत मिली है। तहसीलदार से उनके तबादले के लिए कहा है। जहां तक घुसखोरी की बात कर रहे हैं, तो वीडियो भिजवा दीजिए। मैं जांच करवाता हूं। अगर गड़बड़ी की पुष्टि हुई, तो सत कार्रवाई करेंगे। - आरआर दुबे, एसडीएम, कसडोल
Updated on:
26 Mar 2025 12:49 pm
Published on:
26 Mar 2025 12:48 pm
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