ऐसा होता था उपयोग
बर्फ के माध्यम से खाद्य सामग्रियों को सुरक्षित रखने का काम सालों से चलता आ रहा है। अभी तक खाने और खाद्य पदार्थों को सुरक्षित रखने के लिए एक ही तरह के बर्फ का प्रयोग होता था। इससे खाद्य सामग्री के दूषित होने का खतरा बना रहता था। इसके अलावा पानी पाउच और कोल्ड्रिंग को भी ठंडा रखने के लिए ऐसे ही बर्फ उपयोग किए जाते थे।
आने लगी ये शिकायतें
विभाग ने अपनी अब तक की पिछली सभी जांच में यह पाया था कि बर्फ की सिल्ली बनाने की प्रक्रिया के दौरान जरूरी मानक का पालन नहीं किया जा रहा है। इससे खाद्य सामग्री प्रदूषित तो होता ही है साथ ही यही बर्फ खाने में उपयोग किए जाने से स्वास्थ्यगत परेशानियां भी पैदा होती है। इसकी लगातार शिकायत मिलने की वजह से विभाग ने निर्देश जारी किया है।
बलौदा बाजार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन अधिकारी डॉ अश्वनी देवांगन ने बताया कि भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण के निर्देश के बाद प्रदेश में खाद्य एवं अखाद्य किस्म की बर्फ के लिए अलग-अलग मानक तय कर दिया गया है। खाद्य किस्म का बर्फ रंगहीन और अखाद्य बर्फ का रंग ब्रिलियंट ब्लू तय किया गया है।