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CG News: 15 दिन में सड़क नहीं सुधारी तो, होगा आंदोलन, ग्रामीणों ने दी चेतावनी

CG News: सड़क की हालत दयनीय होने से लोग बेहद चिंताजनक है। जबकि कुछ दिनों बाद बरसात शुरू होने वाला है। गंगोरी पहुंच मार्ग पर सड़कों पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं

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CG News: 15 दिन में सड़क नहीं सुधारी तो, होगा आंदोलन, ग्रामीणों ने दी चेतावनी

भिनोदा-गगोरी मार्ग सड़क जानलेवा गड्ढों में तब्दील (Photo Patrika)

CG News: बलौदाबाजार जिला मुख्यालय सारंगढ़ से महज 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित भिनोदा से गगोरी मार्ग की हालत काफी दयनीय हो गई है। जहां लोग भिनोदा से गंगोरी गांव 3 किलोमीटर पहुंचने में करीब 15 से 20 मिनट लगता है। सड़क की हालत दयनीय होने से लोग बेहद चिंताजनक है। जबकि कुछ दिनों बाद बरसात शुरू होने वाला है।

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गंगोरी पहुंच मार्ग पर सड़कों पर जगह-जगह गहरे गड्ढे बन चुके हैं, जिससे आए दिन वाहन दुर्घटनाएं होती रहती हैं और लोगों की जान जोखिम में रहती है। भिनोदा से गगोरी जाने वाला सड़क मार्ग पूरी तरह उखड़ चुकी है। यह सड़क गंगोरी ग्रामवासियों का मुख्य संपर्क मार्ग है, जिससे वे दिनचर्या का सामान लेने सरसींवां एव इलाज हेतु अस्पताल, आना जाना करते हैं।

वहीं ग्रामीणों का कहना है कि यदि बारिश आ जाए तो गंगोरी से बाहर निकलना नामुमकिन हो जाता है। ऐसी स्थिति में बीमार, गर्भवती महिलाएं या दुर्घटना के शिकार व्यक्ति को अस्पताल नहीं ले जा पाते। जबकि गंगोरी गांव के पढ़ने वाले स्कूली बच्चों को बरसात में भिनोदा तक पहुंचने के बड़ी कठिनाइयों का सामना कर रोजाना आना जाना होता है जहां सड़क की हालत ख़राब होने की वजह से आये दिन गिरने या चोटिल होने की खबरें अब सामान्य हो चुकी हैं।

भिनोदा के सरपंच ब्रिज किशोर अजगल्ले ने कई बार पीडब्लूडी भटगांव के इंजीनियरों से मार्ग मरमत के लिए निवेदन किया है, लेकिन हर बार केवल प्रशासनिक स्वीकृति बाकी है कहकर बात को टाल दिया जाता है। न इमरजेंसी फंड से रिपेयरिंग की जा रही है न और डीएमएफ फंड का उपयोग किया जाता है।

क्या बड़ी दुर्घटना होने पर जागेगा प्रशासन

जहां स्थानीय लोगों का सवाल है कि क्या अधिकारी और जनप्रतिनिधि किसी बड़ी जनहानि का इंतज़ार कर रहे हैं, क्या बजट और स्वीकृति की प्रक्रिया इतनी महत्वपूर्ण है कि जान बचाना बाद में सोचा जाएगा। ग्रामीणों की मांग है कि डीएमएफ या अन्य आपदा राहत निधि से तत्काल मरमत कार्य शुरू किया जाए। यदि 15 दिनों के भीतर कार्य प्रारंभ नहीं होता, तो वे सड़क जाम धरना और जिला कार्यालय घेराव जैसे आंदोलनात्मक कदम उठाने को मजबूर होंगे।