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Video: 3 महिला समेत 7 नक्सलियों ने पुलिस के सामने किया आत्मसमर्पण, इस वजह से छोड़ा नक्सलियों का साथ

7 naxalites surrendered: पुलिस को मिली बड़ी सफलता, नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पुलिस के लगातार बढ़ते दबाव व कैंप खुलने से प्रभावित होकर अलग-अलग गांव में रहने वाले नक्सलियों ने किया सरेंडर

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7 naxalites surrendered

7 naxalites surrndered infront of Balrampur police

कुसमी. 7 naxalites surrendered: बलरामपुर जिले के सामरीपाठ थाना क्षेत्र अंतर्गत नक्सल प्रभावित रहे गांवों में पुलिस द्वारा लगातार सर्चिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। इस दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में आईईडी व अन्य विस्फोटक सामग्री बरामद करते हुए नक्सलियों के मंसूबों पर कुठाराघात किया है। पुलिस के लगातार बढ़ते दबाव व क्षेत्र में चलाए जा रहे सिविक एक्शन प्रोग्राम से प्रभावित होकर 3 महिला समेत 7 नक्सलियों ने बलरामपुर एसपी के समक्ष शनिवार को आत्मसमर्पण कर दिया। इस मामले में एसपी का कहना है कि नक्सलियों की खोखली विचारधारा और खोखले कार्यों से तंग आकर इन्होंने सरेंडर किया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ा जाएगा।


इस संबंध में बलरामपुर एसपी मोहित गर्ग ने प्रेसवार्ता में जानकारी दी कि सरगुजा आईजी रामगोपाल के निर्देशन में बलरामपुर पुलिस द्वारा सामरीपाठ क्षेत्र में नक्सलियों के विरुद्ध लगातार सर्चिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि ग्राम पुंदाग व भुताही मोड़ में पुलिस कैंप खुलने तथा सिविक एक्शन प्रोग्राम का असर यह रहा कि 7 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पित ये सभी नक्सली 25 लाख रुपए के इनामी नक्सली कमांडर स्पेशल एरिया कमिटी मेंबर, मिलिट्री कम्पनी बिमल उर्फ राधेश्याम यादव उर्फ उमेश, पिता बिशेश्वर, निवासी सलेमपुर थाना करुणा, जिला जहानाबाद, बिहार के साथ थाना सामरीपाठ व चांदो क्षेत्र में काम कर चुके हैं।

कार्रवाई में डीके सिंह, उप पुलिस अधीक्षक, नक्सल ऑपरेशन सामरीपाठ, निरीक्षक फर्दीनंद कुजूर, थाना प्रभारी सामरीपाठ, एएसआई आनंद मशीह तिर्की, प्रधान आरक्षक राजेन्द्र ध्रुव, आरक्षक अनिल तिग्गा, भीम तिर्की, महिला आरक्षक सुचिता संगम एवं सहायक आरक्षक 14 धर्मेन्द्र सोनी सभी थाना सामरीपाठ शामिल रहे।

इन नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
बलरामपुर एसपी के समक्ष जिन नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, उनमें सामरीपाठ थाना क्षेत्र के ग्राम पीपरदाबा निवासी नंदू कोरवा पिता मुनेश्वर 28 वर्ष, ग्राम पुंदाग निवासी गुडवा कोरवा पिता राजेश्वर 30 वर्ष, ग्राम पुंदाग निवासी शनि बिरिजिया पिता बलराम बिरिजिया 18 वर्ष,

ग्राम चरहु पीपरदाबा निवासी लक्ष्मण नगेशिया पिता रामनाथ 35 वर्ष, ग्राम पुंदाग निवासी आशा उर्फ फूलवंती पिता गोदाम कोरवा 21 वर्ष, ग्राम पुंदाग निवासी अमृता उर्फ सरस्वती पति नेशनल गांझू 21 वर्ष तथा झारखंड के लातेहार जिला अंतर्गत ग्राम सेमरखांड, थाना महूडांड निवासी कुमारी कांति कोरवा पिता कोके कोरवा 18 वर्ष शामिल हैं।

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नक्सलियों ने पुलिस को बताईं ये बातें
नक्सली नंदू कोरवा ने बताया कि उसे वर्ष 2016 में अमन व विमल बूढ़ा नक्सली अपने साथ ले गए थे। वर्ष 2018 में झारखंड के खपरीमहुआ में बम ब्लास्ट में शामिल था। 18 माह तक जेल में रहने के बाद फिर संगठन में शामिल हुआ। उसने बताया कि वर्ष 2012 में भूताहीमोड़ के पास बम लगाने में नक्सली कमांडर कुंदन के साथ था।

नक्सली गुडवा कोरवा ने बताया कि वह वर्ष 2016 से संगठन मे ंसक्रिय था। लातेहार व गारू क्षेत्र में 1 साल तक काम किया। वहां क्रशर मशीन जलाने में वह नक्सलियों के साथ शामिल था। नक्सली शनि बिरिजिया ने बताया कि वह भी वर्ष 2016 से नक्सली संगठन में सक्रिय था। वह सामान लाने-ले जाने तथा संतरी ड्यूटी करता था।

चुनचुना-पुंदाग में बम लगाने में वह शामिल था। नक्सली लक्ष्मण नगेशिया ने बताया कि वह भी वर्ष 2016 से सक्रिय था। वह नक्सलियों के लिए खाना बनाता था। वह लातेहार के कोल्ही एवं पचपेडिऱ के पास बम लगाने में शामिल था।

महिला नक्सली आशा ने बताया कि वर्ष 2019 में वह नक्सली कमांडर बिमल बूढ़ा उसे साथ ले गया था। 315 बोर के रायफल के साथ संतरी की ड्यूटी करती थी। चुनचुना पुंदाग में बम लगाने में शामिल थी। नक्सली अमृता ने बताया कि वह वर्ष 2020 से संगठन में सक्रिय थी। वह खाना बनाने के साथ ही संतरी की ड्यूटी करती थी।

सामरी क्षेत्र के चुनचुना पुंदाग में बम लगाने में शामिल थी। नक्सली कांति ने बताया कि वह पिछले 1 साल से नक्सली संगठन में काम कर रही थी। खाना बनाना व संतरी की ड्यूटी करती थी। वहीं चुनचुना पुंदाग में बम लगाते समय भी शामिल थी।


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