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Child sacrifice: अंधविश्वास में 3 वर्षीय मासूम की दी थी बलि, गला काटकर धड़ जलाया, फिर 3 दिन बाद गाड़ दिया सिर

कुसमी। अंधविश्वास के चक्कर में पडक़र एक युवक ने 3 वर्षीय एक मासूम बच्चे की बलि (Child sacrifice) दे दी थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को 15 महीने बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना 1 अप्रैल 2024 की बताई जा रही है। अपने बीमार बेटे को स्वस्थ करने की सनक में […]

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Child sacrifice

Police arrested child sacrificed accused (Photo- Patrika)

कुसमी। अंधविश्वास के चक्कर में पडक़र एक युवक ने 3 वर्षीय एक मासूम बच्चे की बलि (Child sacrifice) दे दी थी। इस मामले में पुलिस ने आरोपी को 15 महीने बाद गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। घटना 1 अप्रैल 2024 की बताई जा रही है। अपने बीमार बेटे को स्वस्थ करने की सनक में आरोपी ने मासूम की निर्मम हत्या कर दी थी। आरोपी बिस्किट का लालच देकर खेल रहे मासूम को अपने घर ले गया। इसके बाद चाकू से उसका गला काटकर अलग किया। फिर धड़ जला दिया। वह 3 दिन तक सिर को घर में छिपाकर रखा और चौथे दिन उसे नाले के पास गड्ढा खोदकर दफन कर दिया था। शक के आधार पर पुलिस ने आरोपी को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने बलि देने की बात स्वीकार की।

बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरीपाठ थाना क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत सबाग के सुलुंगडीह निवासी बिरेंद्र नगेशिया ने 6 अप्रैल 2024 को रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उसका 3 वर्षीय पुत्र अजय नगेशिया (Child sacrifice) 1 अप्रैल से लापता है। उसने बताया था कि 29 मार्च 2024 वह अपनी पत्नी व बेटे के साथ महुआ बीनने झलबासा जंगल गया था।

फिर जंगल में ही झोपड़ी बनाकर डेरा डाले हुए था। 1 अप्रैल को वह प्राथमिक शाला सबाग में रसोइया का काम करने चला गया। जब शाम को लौटा तो उसकी पत्नी ने कहा कि वह नाला की ओर करेला सब्जी तोडऩे गई थी, उसके बाद से बेटा अजय डेरा के पास से खेलते-खेलते अचानक गायब (Child sacrifice) हो गया है।

इसके बाद परिजनों व ग्रामीणों ने बालक की खोजबीन शुरु की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। इसके बाद पुलिस ने भी उसकी तलाश कि लेकिन कोई सुराग नहीं मिल पाया था।

शक के आधार पर राजू कोरवा को लिया हिरासत में

खोजबीन (Child sacrifice) के दौरान ही चटनिया पंचायत अंतर्गत ग्राम कटईडीह निवासी राजू कोरवा 40 वर्ष बालक को ढूंढने में मदद की बात कह रहा था। वह बालक के पिता को बार-बार तंत्र-मंत्र और ‘बड़े पूजा’ करने की बात कहता रहा। इससे पुलिस को उस पर संदेह हुआ।

जब पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ की तो उसने महादानी देवता के समक्ष बालक की बलि (Child sacrifice) देने की बात स्वीकार की। इसके बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर धारा 302, 201, 363 के तहत 16 जुलाई को जेल भेज दिया।

Child sacrifice: नृशंस तरीके से की थी हत्या

पुलिस की पूछताछ में आरोपी राजू कोरवा शुरु में तो पुलिस को गुमराह करता रहा, लेकिन सख्ती से पूछताछ में वह टूट गया। उसने बताया कि उसका बड़ा बेटा बचपन से मिर्गी और मानसिक बीमारी से ग्रसित है। गांव में यह अंधविश्वास है कि महादानी देवता को नरबलि (Child sacrifice) चढ़ाने से बच्चा ठीक हो जाता है।

इसी फेर में पडक़र उसने 1 अप्रैल को अकेले खेल रहे मासूम अजय नगेशिया को बिस्किट का लालच देकर अपने घर ले गया और छूरी से गला काटकर हत्या (Brutal murder) कर दी। हत्या (Child sacrifice) के बाद धड़ को बोरे में डालकर बोड़दहा नाले में जलाया और सिर को घर में 3 दिन छिपाकर रखा। चौथे दिन उसने सिर को नाले के किनारे दफना दिया था।

गड्ढा खोदकर निकाला गया शव का अवशेष

आरोपी की निशानदेही पर तहसीलदार की उपस्थिति में घटनास्थल से 2 फीट गहरा गड्ढा खोदकर सिर का कंकाल निकाला गया। सिर कपड़े में लिपटा (Child sacrifice) हुआ था। पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त चाकू भी आरोपी के घर से बरामद किया।

कार्रवाई में थाना प्रभारी सामरीपाठ विजय प्रताप सिंह, एसएआई आनन्द मसीह तिर्की, प्रधान आरक्षक संजय साहू, आरक्षक आदित्य कुजुर, संतोष यादव, अमित लकड़ा और ओमकार रजक शामिल रहे। पूरी कार्रवाई बलरामपुर एसपी वैभव बैंकर, एएसपी विश्वदीपक त्रिपाठी एवं एसडीओपी कुसमी इम्मानुएल लकड़ा के मार्गदर्शन में की गई।


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