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सिटी मजिस्ट्रेट ने मीडियाकर्मी को दिया धक्का, ग्राम प्रधान पर भ्रस्टाचार का आरोप

जिले में ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन लगातार होता चला जा रहा है, लेकिन विभाग की अनदेखी से इनपर कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद है।

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City magistrate pushed to media worker

सिटी मजिस्ट्रेट ने मीडियाकर्मी को दिया धक्का, ग्राम प्रधान पर भ्रस्टाचार का आरोप

बांदा. जिले में ग्राम प्रधान व सचिव के खिलाफ ग्रामीणों का प्रदर्शन लगातार होता चला जा रहा है, लेकिन विभाग की अनदेखी से इनपर कार्रवाई न होने से उनके हौसले बुलंद है। बिसंडा के ग्राम भदेहदू के ग्रामीणों ने गांव के विकास कार्यो में ग्राम प्रधान व सचिव पर भ्रस्टाचार का आरोप लगाते हुए जांच की मांग की थी। जिस पर लोका युक्त की टीम ने गांव जाकर खुली बैठक कर जांच की थी जिसमें आरोपों को गलत बताया था।

लोकायुक्त की जांच से नाराज होकर आज एक सैकड़ा ग्रामीणों ने शहर के अशोक लाट तिराहे में सड़क जाम कर लगभग 2 घंटे तक प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी को सम्बोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को देकर अन्य जांच टीम से निस्पक्ष जांच कराते हुए ग्राम प्रधान सचिव पर कार्कवाई की मांग की है। वहीं इस प्रदर्शन के पास जब मीडया ने सिटी मजिस्ट्रेट से मौके पर ही इस बाबत जानकारी लेनी चाही तो सिटी मजिस्ट्रेट मीडया के कमरे से भागते नजर आए व एक मीडिआ कर्मी को धक्का देकर चले गए।

सड़क जाम कर प्रदर्शन

मामला कुछ यू है की बबेरू तहसील के ब्लाक बिसंडा के भदेहदू गांव के एक सैकड़ा ग्रामीण बांदा शहर के अशोक लाट तिराहे पर हाथों पर तथ्तियां लेकर पहुंचे व सड़क जाम कर प्रदर्शन करने लगे। तथ्तियों पर लिखा था की "योगी जी हमारी आवाज सुनो, सरकारी काम काज सुनो"। ग्रामीणों ने ग्राम प्रधान पर गांव के विकास कार्यो में भ्रस्टाचार का आरोप लगाते हुए आला अधिकारियो को पूर्व में ज्ञापन देकर जांच की मांग करि थी, जिस पर लोकायुक्त की टीम ने जांच कर ग्राम प्रधान व सचिव को क्लीन चिट दी थी, इसी से नाराज होकर आज ग्रामीणों ने ये प्रदर्शन किया है।

मजिस्ट्रेट ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया

इस प्रदर्शन की सूचना पर मौके पर पहुंचे सिटी मजिस्ट्रेट ने कार्रवाई का आश्वासन देकर जाम खुलवाया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि गांव में लगभग 15 वर्षो से एक ही ग्राम प्रधान है, सचिव जो भी आते है वहां सचिव और बीडीओ मिलकर एक फर्जी पंचायत मित्र को रखे हैं जो धन की उगाही करता है, हम लोगो ने उसके खिलाफ आवाज उठाई है लेकिन कोई प्रशासन व मंत्री-मुख्यमंत्री तक जा चुके है पर हमारी कोई सुनवाई नहीं हुई है । विगत दो वर्षो से हम भाग रहे यही, हमने 2017 में लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया था जिसपर मई 2017 में मुख्य विकास अधिकारी ने 7 सदस्यीय टीम बनवाकर जांच करवाई थी। जिसपर लोकायुक्त की टीम ने ग्राम प्रधान व सचिव से मिलकर मामले की लीपापोती कर दी थी।

दोबारा लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया

इसके बाद हमने दोबारा लोकायुक्त का दरवाजा खटखटाया था जिसपर दो दिन पहले गांव भदेहदू में दोबारा जांच टीम आई थी जिसमें अन्वेषक अधिकारी व 11 सदस्यीय टीम थी जिसने खुली पंचायत लगाकर लगाकर 500 ग्रामीणों के बीच बैठकर दोबारा जांच की है । कहा की हम चाहते है की जिलाधिकारी से आज हम यह आग्रह करते है की बाहर के अधिकारियो की जांच टीम बुलाकर जांच कराए और प्रधान पर कार्रवाई करें। वहीं दूसरी तरफ ग्रामीणों के जाम के बाद बांदा सिटी मजिस्ट्रेट की तानाशाही भी देखने को मिली है, जाम के बाद जब सिटी मजिस्ट्रेट से मीडया ने जानकारी लेनी चाही तो वह मीडया से भागते नजर आए व मीडिआ कर्मी को धक्का देकर चले गए।