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बांदा. नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा हुए नकली नोटों के मामले में भारतीय रिजर्व बैंक ने स्टेट बैंक की बांदा मुख्य शाखा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बांदा पुलिस अधिक्षक को पत्र लिखकर जानकारी दी गयी थी की जो नोट बांदा एसबीआई की मुख्य शाखा से 500 और 1000 के पुराने नोट जमा हुए थे, जो कि आरबीआई की जांच में नकली निकले। इसी आधार पर बांदा शहर कोतवाली में ब्रांच मैनेजर के खिलाफ IPC की 489A से 489E की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने बांदा एसपी को पत्र लिखकर बताया था कि उनके करेंसी चेस्ट में बांदा एसबीआई की मुख्य शाखा से 500 और 1000 के पुराने नोट जमा हुए थे, जोकि आरबीआई की जांच में नकली निकले। यह 500 और 1000 के वही नोट थे जिन्हें नोटबंदी लागू होने के दौरान जमा कराया गया था । पुलिस ने RBI से मिले निर्देशों के बाद एसबीआई मेन ब्रांच मैनेजर के खिलाफ IPC की 489A से 489E की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है। बांदा अपर पुलिस अधिक्षक एल बी के पाल ने बताया कि रिजर्व बैंक कानपुर चेस्ट ब्रांच से हमें एक पत्र प्राप्त हुआ था और कुछ रुपये सील करके दिए गए थे।
जिसमें 262 नोट पुराने 500 रुपये के थे और 178 नोट पुराने 1000 रुपये के थे, जो कि नोटबंदी के दौरान बन्द हो चुके हैं यह वही नोट थे। यह नोट एसबीआई चेस्ट ब्रांच से वहां जमा कराए गए थे, उनके यहां ये प्रक्रिया है कि अगर ऐसे नोट आते हैं तो उन्हें मुकदमा दर्ज कराना होता है जिसके लिए उन्होंने हमें इन्फॉर्म किया था । इस पर IPC की 489 A से 489 E तक कि धारा लगाकर हमने अपने यहां बांदा शहर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया है। यह 1000-500 रुपये के नोट प्रचलन में नहीं थे और आरबीआई के मुताबिक यह नकली नोट थे।
Published on:
14 Dec 2017 11:12 am
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