
राज्य के चार प्रमुख जलाशयों का जलस्तर बढऩे के बाद तमिलनाडु को 1.5 टीएमसीफीट पानी दिया जा रहा है। यह जानकारी उप मुख्यमंत्री व जल संसाधन मंत्री डीके शिवकुमार ने विधानसभा में दी।
उन्होंने कहा कि, बिलिगुंडलू में 40 टीएमसीफीट पानी पहुंचना चाहिए था और अभी तक 6 टीएमसीफीट पानी जा चुका है। हर रोज 1.5 टीएमसी फीट पानी छोड़ा जा रहा है। अगर यही सिलसिला जारी रहा तो समस्या का समाधान हो जाएगा। इससे पहले, राज्य सरकार ने कावेरी जल विनियमन समिति (सीडब्ल्यूआरसी) के निर्देशों का पालन करने में असमर्थता जताई थी। सीडब्ल्यूआरसी ने राज्य को 31 जुलाई तक हर रोज तमिलनाडु के लिए 1 टीएमसीएफटी पानी छोडऩे का निर्देश दिया था।
सभी जलाशयों के जलस्तर में बढ़ोतरी
शिवकुमार ने कहा कि कावेरी बेसिन के चार प्रमुख जलाशयों में जल प्रवाह बढ़ा है। हारंगी में 12 हजार 827 क्यूसेक, हेमावती में 14 हजार 27 क्यूसेक, केआरएस में 25 हजार 933 क्यूसेक और काबिनी में 22 हजार 840 क्यूसेक पानी आ रहा है। कुल मिलाकर 56 हजार 627 क्यूसेक पानी आ रहा है। इस पर विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि, ऐसे ही बारिश हुई तो समस्या सुलझ जाएगी। सर्वदलीय बैठक के दौरान विपक्ष सरकार से पानी न छोडऩे को कहा था। लेकिन, कानूनी राय यह थी कि 8 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा जाए और फिर एक अंतरिम आवेदन दायर किया जाए। लेकिन, अब बारिश हो रही है, जो अच्छी बात है।
इससे पहले डीके शिवकुमार ने तमिलनाडु से अपील की कि, मैकेदाटू परियोजना में सहयोग करे। यह परियोजना कर्नाटक की तुलना में तमिलनाडु के लिए अधिक लाभकारी है। मैकेदाटू जलाशय में संग्रहित पानी से तमिलनाडु को समय पर पानी छोडऩे में मदद मिलेगी। बेंगलूरु कन्नडिगा, तमिल और आंध्रवासी हैं। सभी को परियोजना से पीने का पानी मिलेगा। वे तमिलनाडु से इस पर सहयोग करने की अपील करते हैं। तमिलनाडु भी सर्वदलीय बैठक पर उन्होंने कहा कि, वे ऐसा करने के हकदार हैं। इस पर कोई आपत्ति नहीं है। लेकिन उन्हें सहयोग करना चाहिए क्योंकि इससे उन्हें लाभ होगा।
Published on:
17 Jul 2024 07:52 pm
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