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चालक की सूझबूझ से बची स्कूली बच्चों की जान

हादसे के दौरान स्कूल बस खाई में उतर गई, जिससे उसका विंडशील्ड टूट गया। हालांकि, बस में सवार सभी बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहे और उन्हें कोई चोट नहीं आई। बस चालक सचिन को सिर में मामूली चोटें आईं।

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हासन जिले के होलेनरसीपुर निवासी सचिन बेंगलूरु के टी. दासराहल्ली स्थित एक निजी स्कूल के 43 बच्चों को उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली अध्ययन भ्रमण पर ले जा रहे थे।

यह हादसा राष्ट्रीय उच्च पथ-48 पर हिरियूर तालुक के जवंगोंडनहल्ली गांव के पास हुआ, जहां एक कंटेनर ट्रक ने एक निजी स्लीपर बस को टक्कर मार दी थी। इसी दुर्घटनाग्रस्त बस के ठीक पीछे एक स्कूल बस चल रही थी।

चित्रदुर्ग Chitradurga जिले में हुए भीषण सड़क हादसे Road Accident के दौरान एक स्कूल बस चालक की सूझबूझ से 40 से अधिक स्कूली बच्चों की जान बच गई। यह हादसा राष्ट्रीय उच्च पथ-48 पर हिरियूर तालुक के जवंगोंडनहल्ली गांव के पास हुआ, जहां एक कंटेनर ट्रक ने एक निजी स्लीपर बस को टक्कर मार दी थी। इसी दुर्घटनाग्रस्त बस के ठीक पीछे एक स्कूल बस चल रही थी।

कुछ देर पहले ओवरटेक किया था

हासन जिले के होलेनरसीपुर निवासी सचिन बेंगलूरु के टी. दासराहल्ली स्थित एक निजी स्कूल School के 43 बच्चों को उत्तर कन्नड़ जिले के दांडेली अध्ययन भ्रमण पर ले जा रहे थे। सचिन ने बताया कि स्लीपर बस ने उनकी बस को कुछ देर पहले ओवरटेक किया था और उनकी बस उससे कुछ ही फीट पीछे चल रही थी।

स्कूल बस और स्लीपर बस के बीच टक्कर टल गई

सचिन के अनुसार, अचानक सामने की लेन से एक ट्रक ने रोड डिवाइडर पार किया और स्लीपर बस को टक्कर मार दी। टक्कर के कारण स्लीपर बस बाईं ओर मुड़ गई और स्कूल बस की ओर आ गई। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए सचिन ने तुरंत बस को सड़क से हटाकर फेंसिंग पार कर सर्विस रोड की ओर मोड़ दिया और बस को वहां सुरक्षित रोक दिया। इससे स्कूल बस और स्लीपर बस के बीच टक्कर टल गई।

बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहे

हादसे के दौरान स्कूल बस खाई में उतर गई, जिससे उसका विंडशील्ड टूट गया। हालांकि, बस में सवार सभी बच्चे पूरी तरह सुरक्षित रहे और उन्हें कोई चोट नहीं आई। बस चालक सचिन को सिर में मामूली चोटें आईं।

 पुलिस के मुताबिक, हादसे के बाद सचिन बस से उतरकर स्लीपर बस के पास पहुंचे और वहां फंसे कुछ यात्रियों को बाहर निकालने में भी मदद की। बस मालिक और स्कूल प्रशासन ने तत्परता दिखाते हुए अध्ययन भ्रमण के लिए दूसरी बस की व्यवस्था की, जिसके बाद सभी छात्र सुरक्षित रूप से दांडेली की अपनी यात्रा पर रवाना हो गए। स्थानीय लोगों और पुलिस अधिकारियों ने स्कूल बस चालक की सूझबूझ और साहस की सराहना की है। उनका कहना है कि अगर चालक ने समय रहते सही फैसला नहीं लिया होता, तो हादसे में बच्चों की जान को गंभीर खतरा हो सकता था।