सिद्धरामय्या ने मंगलवार को कहा कि मृतकों के परिजनों को राहत राशि दी जा चुकी है। पांच-पांच लाख रुपये दिए गए हैं। अन्य पीड़ितों की भी मदद की जा रही है। सिद्धरामय्या ने मंगलवार को आपदा प्रबंधन पर विचार करने के लिए वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए सभी जिला उपायुक्तों (डीसी) और जिला पंचायतों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ बैठक की अध्यक्षता की।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘राज्य के कई हिस्सों में मानसून-पूर्व बारिश शुरू हो गई है, अप्रैल से जून के बीच मानसून-पूर्व बारिश होती है। इस बार मानसून-पूर्व बारिश सामान्य से 10 प्रतिशत अधिक रही है। बारिश में अब तक करीब 52 लोगों की मौत हो चुकी है, 331 मवेशी मारे गए हैं, 20,000 हेक्टेयर में फसलें बर्बाद हो चुकी हैं और 814 घरों को नुकसान पहुंचा है।’’
उन्होंने कहा, “52 मृतकों के परिवारों को पहले ही पांच लाख रुपये दिए जा चुके हैं…इसके साथ ही, मवेशियों के नुकसान पर राहत देने और घरों को हुए नुकसान का आकलन करने और तत्काल राहत मुहैया कराने का निर्णय लिया गया है।”
बैठक में उप-मुख्यमंत्री डीके शिवकुमार, कई मंत्री और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी उपस्थित थे। सिद्धरामय्या ने कहा कि नयी सरकार से लोगों को बहुत उम्मीदें हैं और प्रशासन को उनकी उम्मीदों पर खरा उतरना होगा एवं अधिकारियों को भी इसके लिए सक्रिय होना चाहिए।