अस्पताल में भर्ती एक अधिवक्ता के रेमडेसिविर की कालाबाजारी के कारण अनुपलब्धता के मसले को लेकर दिए गए ज्ञापन पर अदालत ने कहा कि अगर कोई मरीज कालाबाजारी के कारण दवा खरीद पाने में असमर्थ है और राज्य सरकार इसे रोकने के लिए समुचित कार्रवाई नहीं करती है तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत मरीज को प्रदत्त अधिकारों का उल्लंघन है। अदालत ने सरकार को हर दिन 12 घंटे के अंतराल पर राज्य में स्टॉकिस्टों के पास रेमडेसिविर के उपलब्ध भंडार के बारे में जानकारी सार्वजनिक करने के निर्देश दिए। अदालत ने सरकार को अस्पतालों मे ऑक्सीजन की आपूर्ति और मरीजों को बिस्तर की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ ही शवों के अंतिम संस्कार के लिए पर्याप्त व्यवस्था करने के निर्देश दिए। मामले की सुनवाई शुक्रवार को भी जारी रहेगी। अदालत ने एक अन्य याचिका पर सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को कोरोना महामारी के दौर में बुजुर्गों को सहायता और राहत उपलब्ध कराना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।