इसके कारण विभाग को निविदा फिर से जारी करने के लिए बाध्य होना पड़ा। वर्ष के मध्य में दूसरे प्रयास में सात बोलीदाता सामने आए, लेकिन फिर से केवल एक ही तकनीकी रूप से योग्य निकला। कैंसर, मधुमेह, हृदय रोग और स्ट्रोक की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम के उपनिदेशक डॉ. जी.ए. श्रीनिवास ने बताया कि विभाग इस सप्ताह तीसरी निविदा जारी करने की योजना बना रहा है।
निविदा प्रक्रिया पूरी होने के बाद मजेस्टिक बस स्टेशन, के.एस.आर. रेलवे स्टेशन, विधान सौधा, विकास सौधा और 31 तालुक अस्पतालों जैसे स्थानों पर 37 एइडी लगाए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एइडी Automated External Defibrillator पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरण हैं, जो हृदय Heart संबंधी आपात स्थिति के दौरान जीवन बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। दिल को बिजली का झटका देने की उनकी क्षमता अचानक कार्डियक अरेस्ट (एससीए) का अनुभव करने वाले किसी व्यक्ति के लिए जीवित रहने की संभावना को काफी बढ़ा सकती है।
एइडी AED के उपयोग को लेकर प्रशिक्षण की कमी सामने आई है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग सरकारी अस्पतालों पर अपना ध्यान केंद्रित कर रहा है। एइडी स्थापित होने के बाद प्रशिक्षण सत्रों की योजना बनाई गई है। वैसे एइडी को गैर-चिकित्सा पेशेवरों और आम जनता द्वारा उपयोग के लिए डिजाइन किया गया है।