
अर्हम भवन मासखमण तप अभिनंदन
बेंगलूरु. विजयनगर स्थित अर्हम भवन में साध्वी मधुस्मिता आदि ठाणा 6 के सान्निध्य में तपस्वी मंजू लुणिया के मासखमण के प्रत्याख्यान हुए। साध्वी मधुस्मिता ने कहा कि ऐसी मनोहारी तपस्या वही कर सकता है, जिसमें अटूट संकल्प शक्ति और अदम्य उत्साह हो। मंजू बाई ने मासखमण का महनीय तप कर धर्मसंघ का गौरव बढ़ाया है।
साध्वी ने मंगलमय गीतों का संगान कर तप की महिमा को महकाया व तपस्या का अनुमोदन किया। साध्वी कनक प्रभा के संदेश का वाचन साध्वी स्वस्थ प्रभा, साध्वी विश्रुतविभा के संदेश का वाचन साध्वी सहजयशा ने किया। साध्वी कंचन प्रभा ने भी मंगलकामना प्रेषित की। सभा अध्यक्ष बंशीलाल पितलिया तेयुप अध्यक्ष दिनेश मरोठी, महिला मंडल अध्यक्ष सरोज टाटिया ने तप सम्मान पत्र का संयुक्त वाचन कर तप अनुमोदना की एवं सम्मान पत्र भेंट किया। तेयुप भजन मंडली ने गीतिकाओं से भावना व्यक्त की। तेरापंथ सभा गांधीनगर के उपाध्यक्ष सुशील चोरडिय़ा ने कविता पेश की। अनेक वक्ताओं ने भावनाएं व्यक्त कर तप की अनुमोदना की। संचालन मंत्री कमल तातेड़ ने किया।
साध्वी वीरकांता से लिया आशीर्वाद
बेंगलूरु. ऑल इंडिया श्वेताम्बर स्थानकवासी जैन कॉन्फ्रेंस के राष्ट्रीय व प्रांतीय पदाधिकारियों ने चामराजपेट स्थानक में विराजित साध्वी वीरकांता आदि ठाणा 4 के दर्शन लाभ लिया। इस मौके पर जैन कॉन्फ्रेंस विश्वस्त मंडल के राष्ट्रीय अध्यक्ष केसरीमल बुरड़, ज्ञानप्रकाश योजना के राष्ट्रीय मंत्री अशोक धोका, प्रांतीय अध्यक्ष सुरेशचंद्र छल्लाणी, सुजानमल बुरड़, नेमीचंद दलाल आदि उपस्थित थे। इसके बाद पदाधिकारियों ने महावीर धर्मशाला में विराजित धुरन्धर मुनि आदि ठाणा से आशीर्वाद लिया।
पाप को पाप के रूप में पहचानें
चामराजनगर. गुंडलपेट स्थानक में साध्वी साक्षी ज्योति ने कहा कि पाप का द्वार बंद करो। डरना है तो पाप से डरो, किसी से डरने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि जैसे लिफ्ट का दरवाजा बंद न करें तब तक व्यक्ति ऊपर नहीं जा सकता, इसी तरह पाप का द्वार बंद नहीं होगा तो जीवन की ट्रेन सुख की पटरी पर कैसे दौड़ेगी। अत: प्रतिदिन अपना निरीक्षण करो। पाप को पाप के रूप में पहचानो। साध्वी पूजा ज्योति ने कहा कि भावना भव नाशिनी है। भाव एक चाबी है जिससे धर्म रूपी द्वार खोला जाता है।

Published on:
25 Aug 2018 07:55 pm
बड़ी खबरें
View Allबैंगलोर
कर्नाटक
ट्रेंडिंग
