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डॉक्टर उड़ाएंगे वायुसेना के युद्धक विमान, जल्द लागू होगी ‘फ्लाइंग डॉक्टर्स नीति’

locationबैंगलोरPublished: Nov 29, 2020 06:19:19 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

लंबी अवधि के युद्धक मिशनों और बदलते परिदृश्य के मद्देनजर कॉकपिट में लौटेंगे डॉक्टर

डॉक्टर उड़ाएंगे वायुसेना के युद्धक विमान, जल्द लागू होगी 'फ्लाइंग डॉक्टर्स नीति'

डॉक्टर उड़ाएंगे वायुसेना के युद्धक विमान, जल्द लागू होगी ‘फ्लाइंग डॉक्टर्स नीति’

बेंगलूरु.
पायलट-फिजिशियन प्रोग्राम (पीपीपी) के तहत चिकित्सा पेशेवर फिर एक बार भारतीय वायुसेना के युद्धक विमानों में उडऩ भरेंगे और बदले हुए परिदृश्य के साथ आधुनिक सैन्य उड़ान की जरूरतों को समझेंगे।

वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने यहां इंडियन सोसायटी ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (आइएसएएम) के 59 वें वार्षिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए ‘फ्लाइंग डॉक्टर्स’ की नीति जल्द लागू करने पर जोर दिया और कहा कि चिकित्सा पेशेवरों को फिर एक बार कॉकपिट में लाने की आवश्यकता है। दरअसल, चिकित्सा पेशेवरों के युद्धक विमानों में उड़ान भरने की प्रथा 1971 में बंद कर दी गई थी लेकिन, विशेषज्ञ फिर से इस कार्यक्रम को शुरू करने पर जोर दे रहे हैं।
भदौरिया ने कहा कि उम्मीद है कि बहुत जल्द वायुसेना के युद्धक विमानों, परिवहन बेड़े के जहाजों और हेलीकॉफ्टरों पर चिकित्सा पेशेवरों को पूर्ण प्रशिक्षण देने का कार्यक्रम शुरू होगा। उन्होंने कहा ‘कुछ दशक पहले तक यह हमारे कार्यक्रमों में शामिल था और काफी उपयोगी था। किसी कारण शायद हमें लगा कि हमने काफी कुछ सीख लिया है। लेकिन, आज परिदृश्य बदल गया है क्योंकि युद्धक मिशनों की अवधि लंबी हो गई है। दो दशक पहले युद्धक मिशन 45 मिनट से एक घंटे के होते थे जो अब 2-3 घंटे के हो गए हैं। अब प्रशिक्षण भी 2 से 3 घंटे के होते हैं। अब नए दौर के युद्ध इसी तरह से लड़े जाएंगे।’
दरअसल, लंबी अवधि के युद्धक मिशनों के सामान्य होने से वायुसेना के शीर्ष अधिकारी पायलटों की जरूरतों के बेहतर ढंग से समझने के लिए चिकित्सकों से इनपुट लेना चाहती है।

वायुसेना प्रमुख ने कहा ‘कॉकपिट से बेहतर तालमेल स्थापित करने और कॉकपिट को बेहतर ढंग से समझने की जरूरत है। कॉकपिट को समझने के तरीके में बदलाव तभी आएगा जब चिकित्सा अधिकारी खुद उसे देखेंगे और समझेंगे। इस टीम वर्क से न सिर्फ हमें अपनी कार्यप्रणाली को संशोधित करने में मदद मिलेगा बल्कि नई परिस्थितियों से निपटने के लिए नई प्रक्रियाएं विकसित करने का मार्ग प्रशस्त होगा।Ó उन्होंने कहा कि कहा कि जब डॉक्टर वायुसेना के विमानों में नियमित उड़ान भरेंगे तो उन्हें गहन परिचालन अनुभव मिलेगा। पिछले वर्ष सभी लड़ाकू बेड़े में एविएशन मेडिसिन डॉक्टरों की नियुक्ति सुनिश्चित की गई। इसके बाद दूसरे महत्वपूर्ण फ्लाइंग स्क्वाड्रनों में भी यह प्रक्रिया शुरू की गई। ये कदम बड़े बदलाव लाएंगे।
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