
बेंगलूरु. कर्नाटक के चुनाव साधारण नहीं हैं। राज्य के मतदाताओं को इस चुनाव को गंभीरता से लेते हुए सही फैसला करना होगा। ये परिणाम देश की दशा और दिशा तय करेंगे। केंद्र में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी के सलाहकार रहे सैम पित्रोदा ने यह बात कही।
यहां शनिवार को कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति की ओर से जारी चुनावी घोषणा पत्र की समीक्षा करते हुए उन्होंने कहा कि अभी सूचना प्रौद्योगिकी (आइटी) का उपयोग केवल सीमित क्षेत्रों के लिए हो रहा है, आनेवाले दिनों में स्वास्थ्य, शिक्षा में आइटी का उपयोग होने से देश में और एक क्रांति लाना संभव है। आइटी का हर क्षेत्र में विस्तार के संकल्प को लेकर कार्ययोजनाएं तैयार करनी होंगी। इसके लिए हमें कठिन परिश्रम का संकल्प करना होगा।
उन्होंने कहा कि मौजूदा आइटी क्षेत्र में कार्यरत लोग समाज के गरीबों को चिंता नहीं करते हैं। जिसके परिणामस्वरूप आइटी का लाभ समाज के गरीब तबके तक नहीं पहुंचा है। शिक्षा क्षेत्र में आइटी के प्रयोग से देश की परंपरागत शिक्षा प्रणाली में सकारात्मक परिवर्तन के साथ नवाचार तथा नवोन्मेष को प्रोत्साहन मिलेगा। इस बदलाव से ही करोड़ों युवाओं को रोजगार के अवसर मिलेंगे।
उन्होंने कहा कि हमें इस बात को याद रखना होगा कि बेंगलूरु शहर में स्थापित एचएएल, बीइएल, बीएचइएल, इसरो, डीआरडीओ, आइआइएम जैसी संस्थाएं कांग्रेस की देन हैं। इसके बावजूद विपक्ष कांग्रेस पर देश के लिए कुछ भी नहीं करने का कुप्रचार कर रहा है।
हमें विपक्ष के कांग्रेस के खिलाफ इस मिथ्या प्रचार का सटीक जवाब देना होगा। विपक्ष सोशल मीडिया के सहारे गलत प्रचार कर राज्य के मतदाताओं को भ्रमित कर रहा है। हमें इस चुनौती को स्वीकार करते हुए इसी तकनीक के सहारे लोगों को सच्चाई से अवगत कराना होगा। इसके लिए हमें संवाद के हर सशक्त माध्यम का उपयोग करने की क्षमता हासिल करनी होगी। संवाद के अद्यतन माध्यमों से बूथ स्तर के कार्यकर्ता तक पार्टी लगातार संपर्क में रह सकती है। ऐसे संपर्क से ही पार्टी की चुनाव की रणनीति सफल होगी।
उन्होंने कहा कि विश्व के कई देशों ने अमरीका की तर्ज पर यूरोपियन समेत कई देशों ने उनके यहां सिलिकॉन वैली स्थापित करने का प्रयास किया लेकिन किसी भी देश को ऐसी वैली स्थापित करने में सफलता नहीं मिली लेकिन हमारे देश ने बेंगलूरु शहर को सिलिकॉन वैली का तमगा हासिल कर अपनी क्षमता साबित की है।
उन्होंने कहा कि जब उन्होंने बेंगलूरु में सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेली मेटिक्स (सी-डॉट) स्थापित किया, उसके पश्चात संचार क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन के बाद विप्रो तथा इंफोसिस जैसी संस्थाओं का विकास हुआ।
Published on:
28 Apr 2018 09:30 pm
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