स्वास्थ्य मंत्री दिनेश गुंडूराव ने गुरुवार को विकास सौधा में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में यह अहम घोषणा की। इन सेंटरों में ऑन्कोलॉजिस्ट, चिकित्सक, फार्मेसी अधिकारी तैनात होंगे। कीमोथेरेपी उपचार के साथ-साथ काउंसलिंग अन्य सेवाएं भी उपलब्ध होंगी। इस पहल की घोषणा पिछले बजट में की गई थी और आने वाले दिनों में इसे लागू किया जाएगा।
हर वर्ष 70 हजार नए मरीज उन्होंने कहा कि कर्नाटक में हर वर्ष कैंसर के करीब 70,000 नए मामले दर्ज किए जा रहे हैं। हालांकि, राज्य के सभी हिस्सों में कैंसर के इलाज के लिए जरूरी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। मरीजों को निजी अस्पतालों में इलाज कराने के लिए भारी भरकम रकम खर्च करनी पड़ती है, जो आम लोगों के लिए थोड़ा मुश्किल है।कैंसर के करीब 60 फीसदी मरीजों को इलाज के लिए 100 किलोमीटर से ज्यादा दूर जाना पड़ता है, जिससे आर्थिक बोझ के साथ-साथ शारीरिक और मानसिक परेशानी भी होती है। इन्हीं सब कारणों से अब स्वास्थ्य विभाग ने कैंसर मरीजों के लिए एक नया उपाय लागू करने का फैसला किया है।
हब और स्पोक मॉडल इन कीमोथेरेपी केंद्रों को हब और स्पोक मॉडल पर विकसित किया जा रहा है। इस मॉडल में, प्रमुख अस्पताल (हब) केंद्रीकृत उपचार और विशेषज्ञ सेवाएं प्रदान करते हैं, जबकि स्थानीय जिला अस्पताल (स्पोक) कीमोथेरेपी और अन्य बुनियादी उपचार प्रदान करते हैं। इससे मरीजों को अपने नजदीकी अस्पताल में उपचार प्राप्त करने की सुविधा मिलती हैै।