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सीएफटीआरआइ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार सृजन में देगा मदद

योजना: निजी उद्यमियों को खाद्य प्रौद्योगिकी अपनाने में सहयोग देगी कंपनी

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सीएफटीआरआइ खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में रोजगार सृजन में देगा मदद

मैसूरु. केंद्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी अनुसंधान संस्थान (सीएफटीआरआइ) अपनी खाद्य प्रौद्योगिकियों से अब निजी उद्यमियों को लाभान्वित करने की तैयारी में है। सीएफटीआरआइ को देश की अग्रणी खाद्य अनुसंधान प्रयोगशाला के रूप में जाना जाता है।

कंपनी ने अपनी प्रौद्योगिकियों से खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में उद्यमरत स्टार्टअप्स को अपनी सेवाएं प्रदान करने की योजना बनाई हे। इसके तहत कंपनी अपने इन्क्युबेशन (ऊष्मायन) को अपनाने की सुविधा उद्यमियों को देगी।

खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में पिछले कई दशकों से सीएफटीआरआइ की विशिष्ट पहचान है। कंपनी अब अपनी नई योजना के तहत रोजगार सृजन को बढ़ावा देना चाहती है और उद्यमी को अपना व्यवसाय उन्नत करने के लिए प्रोत्साहित करेगी क्योंकि देश में एमएसएमइ को सर्वाधिक रोजगार सृजन करने वाला क्षेत्र माना जाता है।

हाल ही में सीएफटीआरआइ के निदेशक बने राघवेंद्र राव के अनुसार अगले दो वर्ष में निजी उद्यमियों के लिए इन्क्यूबेशन की सुविधा उपलब्ध होगी। राज्य सरकार के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने इस दिशा में सीएफटीआरआइ को को महत्वपूर्ण सहयोग किया था और विभाग से सीएफटीआरआइ को 5 करोड़ रुपए मिले थे जिसके बाद पिछले चार वर्षों से कंपनी का ऊष्मायन केंद्र अपनी पूर्ण क्षमता के साथ गतिमान है।

संस्थान का ऊष्मायन केंद्र नए उद्यमियों को आगे बढऩे में मदद करता है और उन्हें अपने उद्यमों को बढावा देने में मार्गदर्शन करता है। इस दिशा में कुछ एनआरआइ ने भी सीएफटीआरआइ की तकनीक को अपनाने में रुझान दिखाया है और बदले में उन्होंने भारत में अपने उद्यम स्थापित करने की बात कही है।

प्रमुख मंदिरों के प्रसाद मानकीकरण में सहयोग
सीएफटीआरआई देश कुछ प्रमुख मंदिरों के 'प्रसादÓ मानकीकृत करने की प्रक्रिया में सहयोग देने की तैयारी में है। इसमें केरल का प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर, महाराष्ट्र का साईं मंदिर, तमिलनाडु का पलानी मंदिर और मैसूरु का चामुंडी मंदिर शामिल है। राघवराव ने कहा कि चामुंडी मंदिर के लिए प्रसाद मानकीकृत किया गया है और प्रौद्योगिकी अब मंदिर के अधिकारियों के स्थानांतरण के लिए तैयार है। सबरीमाला प्रसाद की मानकीकरण प्रक्रिया में कुछ समय लगा है क्योंकि वहां हाल ही में आई बाढ़ के कारण मंदिर अधिकारी उससे निपटने में व्यस्त थे।


प्रदर्शनी आज से
संस्थान का दो दिवसीय प्रदर्शनी 29 और 30 अक्टूबर को शुरू होगा जिसमें सीएफटीआरआइ विकसित विभिन्न मशीनों और प्रौद्योगिकियों को प्रदर्शित किया जाएगा। विशेषकर रागी मुद्दे मेकिंग मशीन और कार्बोनेटेड फलों के रस वाले अभिनव मशीनों और प्रौद्योगिकियों को इसमें विशेष रूप से प्रदर्शित किया जाएगा।

रागी मुद्दे मशीन को इंदिरा कैंटीनों की जरूरत के लिए विकसित किया गया है जिसमें प्रत्येक घंटे में 300 रागी मुद्दे बनते हैं। इसे पहली बार आम जनता के बीच प्रदर्शित किया जाएगा। संस्थान के सभी 16 अनुसंधान विभाग अपने पोस्टर और उत्पादों का ेप्रदर्शित करेंगे जो उनके अनुसंधान कार्य को प्रतिबिंबित करेंगे। इसके अतिरिक्त कई प्रकार की मशीनों को भी प्रदर्शित किया जाएगा और खाद्य प्रंस्करण के प्रयोग दिखाए जाएंगे।

औद्योगिक पार्क विकसित करने की योजना
संस्थान की योजना एक औद्योगिक पार्क विकसित करने की है। इसके लिए मैसूरु के कालीदास रोड के पास एमजी हल्ली में 142 एकड़ भूमि के एक हिस्से में इसे विकसित किया जा सकता है जिससे इस क्षेत्र के उभरते उद्यमियों को खाद्य प्रौद्योगिकी समझने में मदद मिलेगी। नए परिसर में खाद्य प्रौद्योगिकी में एमएससी कार्यक्रमों को स्थानांतरित करने की भी योजना है।

राघेन्द्र ने कहा कि हम सीएफटीआरआइ के प्रौद्योगिकी विभाग को सशक्त करना चाहते हैं और इसके लिए गु्रप-2 समूह में 24 प्रौद्योगिकी कर्मचारी और 3 कैडर की नियुक्ति की जा रही है। बाद में रिक्त पद भरे जाएंगे।