
भूस्खलन से बेंगलूरु-मेंगलूरु सड़क मार्ग बंद
बेंगलूरु. कर्नाटक के पश्चिमी घाट और तटीय कर्नाटक क्षेत्रों में हो रही मूसलाधार बारिश के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग-48 पर चारमाडी घाट खंड में भूस्खलन होने के कारण बेंगलूरु और मेंगलूरु के बीच वाहनों की आवाजाही पूरी तरह से बंद हो गई है। भूस्खलन से रेल यातायात भी प्रभावित हुआ है।
मौसम विभाग के अनुसार चारमाडी घाट में सोमवार शाम भूस्खलन हुआ, जिससे सड़क पर कई जगहों पर भारी मात्रा में मिट्टी, विशाल चट्टान और दर्जनों पेड़ मलबे के रूप में पसर गए। इससे बेंगलूरु और मेंगलूरु के बीच सड़क सम्पर्क पूरी तरह से कट गया और दोनों छोर से सैकड़ों वाहन जहां-तहां बीच सड़क पर खड़े हैं। माना जा रहा है कि मलबा हटाने और दोबारा यातायात बहाल करने में कम से कम 48 घंटों का समय लग सकता है। हासन जिले में रेलवे ट्रैक पर रविवार रात हुए भूस्खलन के बाद मंगलवार को भी इस रूट सेवा बाधित रही।
हासन जिले में रिकार्ड 26 सेमी बारिश
हासन जिले के सकलेशपुर तालुक में एक दिन में 26 सेंटीमीटर बारिश हुई, जिससे आम जनजीवन पूरी तरह ठप हो गया। इसी प्रकार उडुपी के कोल्लूर में 20 सेमी, शिवमोग्गा के तलगुप्पा के 18 सेमी, हासन के नापकोलू में 13 सेमी बारिश हुई जबकि मलनाड, पश्चिम घाट और तटीय कर्नाटक के अन्य क्षेत्रों में भी भारी बारिश का सिलसिला बरकारा है।
स्थानीय लोगों ने पहुंचाया खाना-पानी
चारमाडी घाट में भूस्खलन से सैंकड़ों मालवाहक ट्रक, बस और कार बीच रास्ते में खड़े हैं। सड़क पर कई किलोमीटर लम्बा जाम लगा हुआ है, जिसमें कई वाहन धर्मस्थल और कुक्के सुब्रमण्या जैसे धार्मिक स्थलों पर जाने वाले हैं। प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे मुसाफिरों को स्थानीय लोगों से सहायता मिल रही है। सोमवार रात से ही जाम में फंसे मुसाफिरों को खाना और पानी आपूर्ति की जा रही है। चूंकि क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क भी प्रभावित हुआ है, इसलिए जाम में फंसे लोगों को अपने परिवार से सम्पर्क करने में भी परेशानी आ रही है।
कई जिलों में स्कूल-कॉलेज बंद
बारिश के कारण चिकमगलूर, कोडग़ु, हासन आदि जिलों के अलग-अलग तालुकों में जिला प्रशासन ने मंगलवार को स्कूल और कॉलेज में छुट्टी की घोषणा कर दी। कोडग़ु में सोमवार को भी शैक्षणिक संस्थान बंद रहे थे। बारिश का सिलसिला अगर ऐसा ही रहा तो बुधवार को भी इन जिलों में शैक्षणिक संस्थान बंद रहेंगे।
2000 से ज्यादा बिजली के खंभे गिरे
वर्षा प्रभावित क्षेत्रों में तेज हवा के कारण करीब 2000 बिजली के खंभे उखड़ गए हैं, जिससे कई गांवों और कस्बों में बिजली आपूर्ति बाधित हो गई है। स्थानीय प्रशासन और बिजली आपूर्ति कंपनियों की ओर प्रभावित क्षेत्रों मे बिजली व्यवस्था सुचारु करने का काम किया जा रहा है। इसी प्रकार कई जगहों पर बिजली के ट्रांसफार्मर भी क्षतिग्रस्त हुए हैं।
अदरक, कॉफी, सुपारी की फसलें प्रभावित
दक्षिण पश्चिम मानसून के समय पर आने और राज्य में हो रही बारिश से जहां एक ओर खरीफ फसलों की बुआई का समय पर होने और बेहतर उपज की उम्मीद बंधी है, वहीं कई प्रकार की खड़ी फसलों को बारिश से भारी नुकसान पहुंचने की खबर है। हासन, कोडग़ु, चिकमगलूर आदि वर्षा प्रभावित जिलों में अदरक, कॉफी और सुपारी की हजारों हेक्टेयर में खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है।
परिवर्तित रूट से रेल परिचालन
दक्षिण पश्चिम रेलवे की उप महाप्रबंधक ई. विजया ने कहा कि पश्चिमी घाट क्षेत्र में हो रही मूसलाधार बारिश और जहां तहां भूस्खलन होने के कारण रेलवे ट्रैक प्रभावित हुआ है। इस कारण बेंगलूरु से कारवार और उत्तर कन्नड़़ जाने वाली ट्रेनों को केरल के पल्लकड़ के रास्ते डायवर्ट किया गया है। वहीं कुछ ट्रेनों को रद्द किया गया है, जबकि कुछ को अलग-अलग स्टेशनों तक सीमित किया गया है।
Published on:
13 Jun 2018 04:56 pm
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