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गति के चरण व प्रगति के लिए आचरण जरूरी

धर्मसभा का आयोजन

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गति के चरण व प्रगति के लिए आचरण जरूरी

गति के चरण व प्रगति के लिए आचरण जरूरी

बेंगलूरु. इटा गार्डन अपार्टमेंट के वासुपूज्य स्वामी जैन संघ में साध्वी भव्यगुणाश्री ने कहा कि गति के लिए चरण और प्रगति के लिए आचरण बहुत जरूरी है। आप से मधुर आचरण संबंध ही, हमारा सबसे बड़ा धन है, उन आचरण को हमारा नमन है। अच्छे व्यवहार का कोई आर्थिक मूल्य भले ही ना हो, लेकिन अच्छा व्यवहार करोड़ों दिलो को खरीदने कि शक्ति रखता है।मेहनत का फल, मुसीबतों का हल और आनेवाला कल, सब कर्मसत्ता के हाथ में है। उम्मीद कभी संसार से नहीं, उन त्रिलोकीनाथ से रखनी चाहिए।साध्वी शीतलगुणाश्री ने कहा कि ये दुनिया भी कितनी निराली है। जिसकी आंखों में नींद है उसके पास अच्छा बिस्तर नहीं जिसके पास अच्छा बिस्तर है उसकी आंखों में नींद नहीं, जिसके मन में दया है उसके पास किसी को देने के लिए धन नहीं और जिसके पास धन है उसके मन में दया नहीं है। जिन्हें कद्र है रिश्तों की उनसे कोई रिश्ता रखना नहीं चाहता, जिनसे रिश्ता रखना चाहते हैं उन्हें रिश्तों की कद्र नहीं। जिसको भूख है उसके पास खाने के लिए भोजन नहीं और जिसके पास खाने के लिए भोजन है उसको भूख नहीं है। कोई अपनों के लिए रोटी छोड़ देता है तो कोई रोटी के लिए अपनों को छोड़ देता है। नवरतन कटारिया ने बताया कि साध्वी शुक्रवार को नाकोडा पार्श्वनाथ जैन संघ राजाजीनगर पहुंचेंग। अट्ठम तप एवं तीन दिवसीय एकासना से पार्श्वनाथ भगवान का जन्म एवं दीक्षा कल्याणक 17 से मनाया जायेगा। प्रवीणकुमार दक मनीषा दक, गौतमचंद डांगी, सरलाबाई डांगी ने सेवा का लाभ लिया।