
गोली लगने से मौत का मामला: मृतक के दोस्त ने उगला सच
हुब्बल्ली. जंगली भैंसे को भगाने के लेकर देशी बंदूक से चली गोली से एक जने की मौत के मामले में पुलिस ने खुलासा कर दिया है। मृतक के दोस्त ने पुलिस को बताया कि वे भैंसे भगाने नहीं शिकार करने जंगल गए थे और चट्टान पर फिसलने के कारण बंदूक चल गए और उसके साथी अंबरीश की मौत हो गई। जबकि उन्होंने पुलिस शिकायत में जंगली भैंसे भगाने की बात कहकर पुलिस को गुमराह किया। इस मामले में पुलिस ने दो जनों को गिरफ्तार किया है।
मेल नहीं खाई बंदूक की गोली, यहीं से शक
पोस्टमार्टम के दौरान पता चला कि अंबरीश के शरीर में मिली गोलियां और शव के पास मिली देशी बंदूक में मिली गोलियों से मेल नहीं खाई। इससे कई आशंकाएं पैदा हुईं थी। मामले की जांच कर रही शहर थाना पुलिस ने होसनगर तालुक के नेगिलोणी रावे गांव के निवासी कीर्ति बिन चंद्रशेखर (30) और नागराज (39) को गिरफ्तार किया। उस रात अंबरीश के साथ बगीचे में गए कीर्ति से पूछताछ की गई। पूछताछ के दौरान कीर्ति ने बताया कि कीर्ति अपने दोस्तों अंबरीश और नागराज के साथ जंगल में शिकार करने गया था। एक जंगली बिल्ली का शिकार किया और नागराज की मदद से उसे एक पिकअप वाहन में डाला था। बाद में कीर्ति और अंबरीश दोनों फिर से शिकार करने के लिए गाळीगुड्डा के जंगल में गए थे।
मामले ने खींचा था जिले का ध्यान
पुलिस में शिकायत की गई थी कि नेगिलोनी रावे गांव में 26 अगस्त को अंबरीश ने बिना लाइसेंस वाली बंदूक लेकर अपने दोस्त कीर्ति के साथ जंगली भैंसों को भगाने के लिए बगीचे में चला गया था। साथ मौजूद कीर्ति के घर लौटने के बाद अंबरीश अपने घर लौटने के दौरान गाळीगुड्डा के चट्टान पर गिरा, बंदूक के घोड़े को रबर का ***** लगने से गोली चली जो उसके सीने के निचले हिस्से में लगी और उसकी मौत हो गई थी परन्तु परिवार ने अंबरीश की मौत पर संदेह जताया था। इस मामले ने ध्यान खींचा था। पूर्व मंत्री किम्मने रत्नाकर, विधायक हरतालु हालप्पा, पूर्व विधायक गोपालकृष्ण बेलूर ने मृतक के घर का दौरा कर निष्पक्ष जांच की मांग की थी। गृह मंत्री आराग ज्ञानेंद्र ने भी दौरा कर परिजनों को सांत्वना दी थी।
नागराज ने हादसे के बाद बदल दी बंदूक
पुलिस ने स्पष्ट किया है कि कीर्ति ने दावा किया कि नागराज ने अंबरीश को दयानंद की लाइसेंसी एसबीबीएल बंदूक को लाकर दिया था जिसे अंबरीश ने लापरवाही से पकड़ कर जंगल में चट्टानों पर बैठने के लिए गया, तो वह गलती से फिसल कर गिर गया और बंदूक से गोली चली जिससे उसकी मौत हो गई। शिकार की बात को छुपाने के इरादे से उसने नागराज के साथ मिलकर फायर हुई एसबीबीएल बंदूक को बदल दिया और अंबरीश की बिना लाइसेंस वाली बंदूक को मृत शरीर के पास रख कर शिकार की गई जंगली बिल्ली और फायर हुए खाली बगीचे को नष्ट कर सबूत मिटाने का बयान दिया है। इसके चलते पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार किया है। जांच के दौरान पता चला है कि आरोपियों ने दयानंद और कोंडलूर के गोपाल तथा महेश से एसबीबीएल बंदूकें लेकर शिकार करने गए थे।
Published on:
21 Sept 2022 10:28 pm
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