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बचाव टीके के बावजूद बंदर बुखार की चपेट में किसान

दस दिन में मिले 10 नए मरीज। 17 पहुंची बंदर बुखार मरीजों की संख्या

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Monkey fever

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शिवमोग्गा. बंदर बुखार यानी क्यासानूर फॉरेस्ट डिजिज (केएफडी) बचाव टीके के बावजूद जिले के सागर तालुक में एक किसान इसकी चपेट में आ गया है। बीमार का सागर तालुक के सरकारी अस्पताल में उपचार जारी है। सूत्रों के अनुसार पीडि़त किसान स्वामी तिम्मा नायक (43) ने बंदर बुखार से बचाव के लिए गत एक वर्ष में तीन टीके लगवाए थे, इसके बावजूद वह बीमार पड़ा है। अब चिकित्सकों को अंदेशा है कि नायक को ठीक से या फिर सही डोज में टीका नहीं दिया गया होगा क्योंकि उसके रक्त में वायरल लोड कम मिला।

नायक कुंजवल्ली गांव का निवासी है। जांच में वायरस की पुष्टि होने के बाद स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के स्वास्थ्य अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी गांव व इसके आसपास के इलाकों में घर-घर जा लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

आंकड़ों के अनुसार शिवमोग्गा के तीर्थहल्ली और सागर तालुक में बंदर बुखार के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इस वर्ष बंदर बुखार के मरीजों की संख्या 17 पहुंच गई है। इनमें से 14 मरीज तीर्थहल्ली और तीन मरीज सागर तालुक से हैं। 17 जनवरी तक सात मरीजों की संख्या सोमवार तक बढ़कर 17 हो गई, जबकि एक महिला की मौत हुई है।

जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश सुरगीहल्ली ने बताया कि बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत लेकर अस्पताल पहुंचने वाले लोगों की संख्या बढ़ी है। एक जनवरी से सोमवार तक ऐसे करीब एक हजार मरीजों की जांच हुई है। तीर्थहल्ली और सागर तालुक में टीकाकरण अभियान तेज किया गया है। लोगों से अपील है कि वे इस अभियान को गंभीरता से लें।