
बेंगलूरु. जनता दल (ध) के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा ने कांग्रेस से हाथ मिलाने या उसके साथ चुनावी गठजोड़ करने से साफ इनकार किया है लेकिन यह भी कहा कि यदि जरूरत पड़ेगी तो उनकी पार्टी समाजवादी पार्टी के साथ चुनावी गठजोड़ करेगी।
इससे पहले देवेगौड़ा ने संविधान बचाओ कर्नाटक संगठन की भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस के साथ चुनावी गठजोड़ की अपील पर कांग्रेस के साथ गठजोड़ करने का संकेत देते हुए कहा था कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है। कांग्रेस यह खुलासा करे कि वह हमें कितनी सीट दे सकती हैं और हम उनके लिए कितनी सीटों को छोड़ सकते हैं। इसका प्रस्ताव कांग्रेस की तरफ से आना चाहिए।
देवेगौड़ा ने बाद में कहा कि हमने बसपा से तालमेल करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की है। यदि समाजवादी पार्टी खुद ही प्रस्ताव करती है तो उस पर विचार किया जा सकता है। इसे छोडक़र हमारा अन्य कोई चिंतन नहीं है। देवेगौड़ा ने कहा कि कांग्रेस से तालमेल का उन्होंने कोई संकेत नहीं दिया। भाजपा को फायदा नहीं पहुंचने देने की अपील का पत्र जरूर उन्होंने पढ़ा था। उसका गलत अर्थ लगाया गया है। हम कांग्रेस व भाजपा दोनों के साथ समान दूरी बनाकर चलेंगे।
बसपा के लिए 20 सीटें छोडऩे का निर्णय नहीं किया गया है। पार्टी के उम्मीदवारों की क्षमता को परखकर अगला निर्णय किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस व भाजपा के सभी सीटों की सूचियां जारी करने के बाद हमारी पार्टी पूरी सूची जारी करेगी। उन्होंने कहा कि एनसीपी ने गठजोड़ के संबंध में हमसे कोई बातचीत नहीं की है। एक बार किए गए प्रस्ताव को उन्होंने जारी नहीं रखा इसलिए हमने प्रस्ताव को वहीं पर छोड़ दिया है। देवेगौड़ा के परिवार से कितने लोग चुनाव लड़ेंगे? इस पर देवेगौड़ा ने कहा कि प्रतीक्षा करें। देवेगौड़ा ने राज्य सरकार के विज्ञापनों पर नाराजगी जताई।
कुमारस्वामी भी कांग्रेस से गठजोड़ के खिलाफ
जनता दल (ध) के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी कांग्रेस के साथ चुनावी गठजोड़ नहीं करेगी।
कुमारस्वामी ने मंगलवार को यहां कहा कि जद (ध) किसी भी पार्टी से समझौता किए बगैर आगे बढ़ रही है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एच.डी. देवेगौड़ा के बयान को गलत अर्थ में पेश किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि मंगलवार को चुनाव कार्यक्रम की घोषणा होने की संभावना के चलते सिद्धरामय्या ने महत्वपूर्ण फाइलें जल्दबाजी में रातों-रात निपटाई हैं। उन्होंने सिद्धरामय्या का साथ देने व विभिन्न फाइलों पर उनके हस्ताक्षर लेने वाले अधिकारियों को चेतावनी दी।
उधर, पार्टी के पूर्व सांसद एच. विश्वनाथ ने कहा कि राहुल गांधी को राष्ट्रीय नेता नहीं माना जा सकता। वे कहते हैं कि सिद्धरामय्या सरकार बसवण्णा के सिद्धांतों पर चलती है लेकिन राहुल तो सही तरीके से उनके वचन भी नहीं पढ़ पाते। उन्होंने वचनों व बसवण्णा का अपमान किया है। यदि सिद्धरामय्या बसवण्णा की शिक्षा का अनुकरण करते तो वे एचडी देवेगौड़ा व उनके बेटों के बारे में ओछी बातें नहीं करते। उन्होंने वोटों के लिए लिंगायत समुदाय को बांटा है और कांग्रेस के मूल नेताओं को हाशिए पर धकेलने का काम किया है।
Published on:
29 Mar 2018 09:31 pm
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