
कर्नाटक में डिजिटल स्टांप पेपर को मिली कानूनी मान्यता
बेंगलूरु. राज्य में भूमि और संपत्तियों की खरीद-बिक्री के लिए डिजिटल स्टांप पेपर के उपयोग को वैधानिक मान्यता मिल गई है। विधानसभा ने सोमवार को इससे संबंधित विधेयक को मंजूरी दे दी। सदन मेें विपक्षी कांग्रेस के विरोध के बीच चार विधेयक पारित हुए।
विधेयक पेश करते हुए राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा कि स्टांप पेपर अब डिजिटल तौर पर उपलब्ध हैं। लेकिन, अभी इसे वैधानिक मान्यता नहीं है। इसे कानूनी दर्जा देने के लिए यह संशोधन विधेयक लाया गया है। अशोक ने कहा कि इस विधेयक में हाउसिंग सोसाइटियों से भूखंड खरीदने वालों को भी इस विधेयक के जरिए राहत देने की कोशिश की गई है। पंजीकरण प्रक्रिया को आसान भी किया गया है। अशोक ने कहा कि जो लोग इन सोसाइटियों ने भूखंड लेते हैं उन्हें उस दिन लागू स्टांप शुल्क अथवा मार्गदर्शन शुल्क देना होता है। पंजीयन के लिए फिर भी उस दिन के समान शुल्क लगाना बहुत अधिक होगा। इस विधेयक में इसे सरल बनाया गया है। सरकार की कपड़ा नीति के मुताबिक इस विधेयक में टेक्सटाइल उद्योग को स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट दी गई है।
अशोक ने मुद्रांक शुल्क में संशोधन के लिए एक अन्य विधेयक भी पेश किया जिसमें उद्योगों के लिए अधिकतम मुद्रांक शुल्क की सीमा 25 करोड़ रुपए तय की गई है। अशोक ने कहा कि कंपनियों के शेयर का मूल्य बढऩे के साथ ही मुद्रांक शुल्क भी बढ़ता जाता है। अधिक मुद्रांक शुल्क के कारण कंपनियां दूसरे राज्यों का रूख कर रही हैं। महाराष्ट्र और गुजरात की तरह राज्य में भी मुद्रांक शुल्क की अधिकतम सीमा 25 करोड़ रुपए तय की गई है।
सिविल सेवा विधेयक को भी मंजूरी
कांग्रेस सदस्यों के विरोध के बीच राज्य विधानसभा ने सोमवार को कर्नाटक सिविल सेवा (2011 बैच के राजपत्रित परिवीक्षाधीनों के चयन और नियुक्ति को मान्यता) विधेयक 2022 सहित कुल चार विधेयक पारित किए। सिविल सेवा विधेयक 2022 कर्नाटक लोक सेवा आयोग (केपीएससी) द्वारा चयनित 2011 केएएस बैच के गु्रप ए और बी के 362 राजपत्रित प्रोबेशनरों की भर्ती को मान्य करने के लिए पारित किया गया। इस विधेयक का उद्देश्य राज्य विधायिका के उचित अनुमोदन के बिना पिछली सरकार द्वारा की गई कार्रवाई को रद्द करना है। विधानसभा ने तीन अन्य विधेयक भी पारित किए। इनमें आपराधिक कानून संशोधन अध्यादेश 1944 (कर्नाटक संशोधन) विधेयक 2022, कर्नाटक स्टाम्प (संशोधन) विधेयक 2022 और कर्नाटक स्टाम्प (दूसरा संशोधन) विधेयक 2022 शामिल है।
प्रधान जिला जज की शक्तियों में वृद्धि
कानून मंत्री जेसी मधुस्वामी ने कहा कि आपराधिक कानून संशोधन विधेयक में आर्थिक अपराधों और मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों पर प्रधान जिला और सत्र न्यायाधीशों को भी सशक्त बनाने का प्रस्ताव है। अभी हमारे पास संपत्तियों की कुर्की से निपटने की कोई शक्ति नहीं थी। हम इसे अपने न्यायालयों के अधीन ला रहे हैं। इन संशोधनों से सरकार को आर्थिक अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करने में मदद मिलेगी।
Published on:
22 Feb 2022 09:11 pm
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