
15 दिन में करें पूरी बकाया राशि का भुगतान नहीं तो कार्रवाई
बेंगलूरु. मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ने राज्य के गन्ना किसानों का पुराना बकाया चुकाने में टालमटोल कर रहे चीनी मिल मालिकों की 22 नवम्बर को फिर बैठक बुलाई है और अगले पंद्रह दिनों में किसानों को बकाया भुगतान करने के कड़े निर्देश दिए हैं।
पुराना बकाया व एफआरपी मूल्य तय करने के संबंध में मंगलवार को विधानसौधा में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों व चीनी मिल मालिकों के साथ व अलग-अलग चली मैराथन बैठकों के बाद मुख्यमंत्री ने किसानों को पुराना बकाया दिलाने का आश्वासन और चीनी मिल मालिकों को पंद्रह दिन की मोहलत दी।
बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मिल मालिकों ने जिस दर से गन्ना खरीदने की सहमति दी थी, उसी के अनुसार भुगतान के पूरे प्रयास किए जाएंगे।
इसके अलावा सरकार किसानों को तुलाई, कटाई, उत्पादन की मात्रा, परिवहन खर्च के दौरान कारखानों की धोखाधड़ी से बचाने के लिए कुछ नियम तय करेगी।
उन्होंने कहा कि आज की बैठक में किसानों के ज्ञापन में उल्लेखित 13 मांगों पर चर्चा की गई। बैठक में चीनी मिलों को 2018-19 की सीजन की एफआरपी दरों के अनुसार पंद्रह दिनों में भुगतान करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि किसानों की अपील के अनुसार चीनी आयुक्त को एक्स फील्ड एफआरपी दरें तय करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों के अनुरोध पर मुख्य सचिव को गुजरात, महाराष्ट्र के मॉडल की जानकारी मंगवाने के निर्देश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा कि पिछले 7-8 सालों के दौरान आंदोलन करने वाले किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने पर मंत्रिमंडल की अगली बैठक में निर्णय किया जाएगा।
इससे पहले मंत्री शिवकुमार के कक्ष में चीनी मिल मालिकों के साथ अलग से चली बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार को जानकारी दिए बगैर किसानों ने गन्ने का अधिक खरीद मूल्य घोषित किया, लिहाजा अब उसी दर से किसानों को बकाया भुगतान करना होगा।
उन्होंने दो टूक कहा कि नए गन्ने की पेराई शुरू करने से पहले पुराना बकाया चुकाना पड़ेगा। बैठक में मौजूद लोगों ने सीएम को बताया कि वे मिल मालिकों के प्रतिनिधि मात्र हैं, तब मुख्यमंत्री ने दो दिन में मिल मालिकों को विधानसौधा आकर उनसे मिलने और किसानों की बकाया राशि तत्काल चुकाने की घोषणा करने को कहा।
इसके बाद मुख्यमंत्री ने दोबारा गन्ना उत्पादक किसानों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की और किसानों को भरोसा दिलाया कि बकाया का भुगतान नहीं करने वाली चीनी मिलों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
उन्होंने कहा कि एफआरपी दरों के अनुसार किसानों को गन्ने का पुराना बकाया भुगतान नहीं करने वाली मिलों के खिलाफ कड़े कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि चीनी मिल मालिकों को एफआरपी के अनुसार 2750 रुपए प्रति टन के हिसाब से भुगतान करने को कहा गया है।
Published on:
21 Nov 2018 08:27 pm
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