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रेशम के दाम गिरने से किसान हलकान

खरीदी मूल्य में लगभग 50 फीसदी गिरावट

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रेशम के दाम गिरने से किसान हलकान

रेशम के दाम गिरने से किसान हलकान

रेशम के दाम गिरने से किसान हलकान
बेंगलूरु. रेशम के कोकून का दाम अचानक आधा होने से किसान परेशान हो गए हैं और उन्हें भारी घाटे की आशंका सता रही है। कुछ दिन पहले 400 से 500 रुपए प्रति किलो खरीदे जा रहे रेशम कोकून अब केवल 200 से 250 रुपए प्रति किलो खरीदे जा रहे है। खरीदी मूल्य में लगभग 50 फीसदी गिरावट के कारण रेशम उत्पादक किसान हलकान है।
चिकबल्लापुर जिले के शिड्लघट्टा, बेंगलूरु ग्रामीण जिले का विजयपुर, चन्नपट्टना तथा रामनगर रेशम कोकून खरीदी के प्रमुख केंद्र है। सभी केंद्रों में कमोबेश यही हालात होने से रेशम उत्पादक किसानों को भारी नुकासान हो रहा है। लगभग 80 से 100 दिनों की मेहनत के पश्चात रेशम उत्पादक किसान अच्छी आय की उम्मीद के साथ रेशम कोकून बेचने पहुंचते हैं। लेकिन यहां पर रेशम के खरीदी मूल्य देखकर मायूस रह जाते है।
देवनहल्ली तहसील के यलयूर गांव के रेशम उत्पादक किसान आंजनप्पा के अनुसार कई किसान रेशम के कीड़ों के भेाजन के लिए पत्ते खरीदने तथा दिहाड़ी मजदूरी के भुगतान पर काफी खर्च करते हैं। लेकिन दाम में गिरावट के कारण किसानों का खर्च भी नहीं निकल रहा है। एक किलो रेशम कोकून के उत्पादन पर किसान लगभग 400 रुपए खर्च करता है। कोकून के न्यूनतम 450 रुपए तो उसे मिलने ही चाहिए।
इसके अलावा रेशम कोकून खरीदी केंद्रों में अभी भी किसानों के साथ धोखाधड़ी जारी है। आधुनिक तकनीकी से इस धोखाधड़ी को नियंत्रित किया जा सकता है। लेकिन रेशम उत्पादक किसानों की इस मांग पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
रेशम कोकून खरीदने वाले लॉबिंग करते हुए कोकून के मूल्यों में गिरावट सुनिश्चित कर रहे हैं। किसान के पास कोई विकल्प नहीं होने के कारण वे घाटे का सौदा करने पर मजबूर हैं। खरीदी के दौरान कोकून का वजन करते समय भी किसानों को ठगा जा रहा है।