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लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जगने की उम्मीद लगभग खत्म

शिवशक्ति प्वाइंट पर दोबारा हो चुकी है रातविकल्प खुला मगर उम्मीदें काफी कम

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लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जगने की उम्मीद लगभग खत्म

लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के जगने की उम्मीद लगभग खत्म

बेंगलूरु.
चंद्रमा का दक्षिणी धु्रव फिर घुप अंधेरे में डूब चुका है। चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान ने जहां सफल लैंडिंग की थी वहां दोबारा रात हो चुकी है। पिछले 14 दिनों के प्रयासों के बावजूद लैंडर और रोवर से संपर्क स्थापित नहीं हो सका और अब उम्मीदें लगभग खत्म हो चुकी हैं।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अगले 14 दिनों के बाद, फिर से लैंडर और रोवर को जगाने के प्रयास किए जाएंगे लेकिन, उनके सक्रिय होने की संभावना बेहद कम है। इसके बावजूद विकल्प बंद नहीं किए जाएंगे। लैंडर और रोवर को एक चंद्र दिवस (14 दिन) के लिए डिजाइन किया गया था लेकिन, इसरो वैज्ञानिकों को उम्मीद थी कि, यह फिर से सक्रिय हो जाएगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ।
इसरो के एक वैज्ञानिक ने कहा कि, शिवशक्ति प्वाइंट (जहां लैंडर ने सफल लैंडिंग की) पर सूर्योदय के बाद तीन दिन यानी, 20, 21 और 22 सितम्बर को लैंडर और रोवर के जगने की सबसे अधिक उम्मीद थी। लेकिन, वैसा नहीं हुआ। इसरो ने इसके बाद पूरे 14 दिन तक इंतजार किया। चंद्रयान-3 के परियोजना निदेशक वीरामुत्तुवेलु ने कहा कि, लैंडर विक्रम में हमने एक वेक-अप सर्किट लगाया है। जब वहां अनुकूल परिस्थितियां पैदा होंगी तो वह खुद-ब-खुद प्रणालियों को सक्रिय कर देगा और हमारा उससे संपर्क स्थापित हो जाएगा। हम उम्मीद करते हैं कि, ऐसा होगा। लेकिन, हम दावा नहीं कर सकते। यह मिशन के उद्देश्यों में शामिल नहीं है। हमारा मिशन केवल एक चंद्र दिवस के लिए था जिसमें हम पूरी तरह सफल रहे हैं। जब तक वहां सूर्य की किरणें पड़ रही हैं तब तक हम इंतजार करेंगे।
इसरो वैज्ञानिकों का कहना है कि, चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर से मिले आंकड़ों का विश्लेषण हो रहा है। चंद्रमा की कक्षा में चक्कर लगा रहे प्रोपल्शन मॉड्यूल से भी काफी आंकड़े प्राप्त हुए हैं।