चित्र संते में पहुंची एक युवती ने गाल पर महापुरुषों की प्रतिकृति बनवाई।
जल परी के चित्र सभी को आकर्षित कर रहे हैं।
जोर लगाके हइशा...चित्र में कुछ मछुआरे अपनी नाव को वापस समुद्र में ले जा रहे हैं।
चित्रों के एक स्टॉल में महिला।
चित्र संते देखने कर्नाटक सहित देश-दुनिया के लोग पहुंचते हैं।
शेर और घोड़े के साथ मस्ती करते बच्चों की पेंटिंग।
कलाकृतियां ऐसी भी।
दक्षिण भारतीय संस्कृतियों को दर्शाते चित्र।
पानी में अठखेलियां करते हाथी और नन्हें महावत का चित्र।
पेटिंग प्रेमियों का रेला।
एक अबूझ कलाकृति।
Ram Naresh Gautam
हीरा नगरी पन्ना में पैदाइश, संगम नगरी प्रयागराज से पढ़ाई, बाबा नानक की कर्मनगरी सुल्तानपुर लोधी के जिला कपूरथला से मौजूदा कर्मक्षेत्र में कदम रखा जिसके कारण राम की वनवासकाल की प्रवासस्थली चित्रकूट के समीपी सतना सेे होते हुए हिमालय की गोद जम्मू के बाद आईटी सिटी बेंगलूरु में पड़ाव और वर्तमान में कुछ वर्षों से गुलाबी नगरी जयपुुर में ठहराव है...