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उन्नत दूरदर्शी से लैस जीआइसैट-1 अब फरवरी में होगा लांच

locationबैंगलोरPublished: Dec 24, 2020 08:34:34 pm

Submitted by:

Rajeev Mishra

कई उन्नत कैमरों की निगाह में 24 घंटे रहेगा भारतीय भू-भागमार्च 2020 में स्थगित हो गया था प्रक्षेपण

उन्नत दूरदर्शी से लैस जीआइसैट-1 अब फरवरी में होगा लांच

उन्नत दूरदर्शी से लैस जीआइसैट-1 अब फरवरी में होगा लांच

बेंगलूरु.
कोरोना ऑनलॉक के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) उन मिशनों को तेजी से आगे बढ़ा रहा है जो वर्ष 2020 में लांच नहीं हो पाए। इसी क्रम में इसरो ने नवीनतम भू-अवलोकन उपग्रह जीआइसैट-1 (जियो इमेजिंग सैटेलाइट-1) का प्रक्षेपण फरवरी तक करने की योजना बनाई है। इस उपग्रह का प्रक्षेपण 5 मार्च 2020 को होना तय था लेकिन, लगभग 26 घंटे पहले लांच स्थगित कर दिया गया था।
इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक अब इस उपग्रह को फरवरी में लांच करने की तैयारियां चल रही है। इसे जीएसएलवी-मार्क-2 एफ-10 से लांच किया जाएगा। इस उपग्रह में पांच प्रकार के विशेष पे-लोड (उपकरण) हैं। इनमेंं इमेजिंग कैमरों की एक विस्तृत श्रृंखला है जिनमें दृश्यमान, निकट इंफ्रारेड और थर्मल इमेजिंग जैसे फिल्टर लगे हुए हैं। इन कैमरों में नासा के हब्बल दूरदर्शी जैसा 700 एमएम का एक रिची-च्रीटियन प्रणाली दूरदर्शी (टेलीस्कोप) भी लगा हुआ है। इनके अलावा भी कई हाइ-रिजोल्यूशन कैमरे हैं जो उपग्रह की ऑन बोर्ड प्रणाली द्वारा ही प्रबंधित होंगे। यह उपग्रह 50 मीटर से 1.5 किलोमीटर की रिजोल्यूशन में तस्वीरें ले सकता है।
यह उपग्रह भू-स्थैतिक कक्षा में एक ही जगह स्थित रहकर पूरे देश पर नजर रखेगा। यानी, देश के जिस भू-भाग की जब भी तस्वीरें लेने की जरूरत होगी उसे रीयल टाइम में हासिल किया जा सकेगा। इसरो का कहना है कि यह उपग्रह मौसम की भविष्यवाणी और आपदा प्रबंधन के लिए है लेकिन, जानकारों का कहना है कि भारतीय सीमा में होने वाली घुसपैठ पर भी इस उपग्रह से कड़ी नजर रखी जा सकेगी। अमूमन भू-अवलोकन उपग्रहों को धरती की निचली कक्षा में स्थापित किया जाता है लेकिन इसे 36 हजार किमी वाली भू-स्थैतिक कक्षा में स्थापित किया जाना है ताकि, भारतीय भू-भाग पर इसकी लगातार नजर रहे।
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