
विरासत से चली आ रही अमानत है शास्त्र
चामराजनगर. गुण्डलपेट स्थानक में विराजित साध्वी साक्षी ज्योति ने प्रवचन में कहा कि वीतराग भव की वाणी संसार के जीवों को तिराती है, इसलिए उसी वाणी को शास्त्र रूप में गूंथा गया है। शास्त्र विरासत से चली आ रही अमानत है। जैसे बेटा अपने बाप-दादा की अमानत को संभालकर सुरक्षित रखता है उसी प्रकार इसे तीर्थंकरों ने कहा, गगणधरों ने गूंथा और आचार्यों ने सहेजा है।
उन्होंने कहा कि शास्त्र का प्रत्येक शब्द सिद्ध मंत्र की तरह है जिसे वचनों की आराधना करके अनेक आत्मा पा चुकी है और अनंत आत्माएं मोक्ष जाएंगी। शास्त्र का प्रत्येक सूत्र चाबी के समान है या यूं कह सकते हैं कि यह तो चाबियों का गुच्छा है।
हर्षोल्लास से मनाई कोजागरी लक्ष्मी पूजा
बेंगलूरु. नगरथपेट में बुधवार को बेंगलूरु दुर्गा पूजा समिति द्वारा कोजागरी लक्ष्मी पूजा की गई। पी.के. दास ने बताया कि देवी लक्ष्मी प्रतिमा के समक्ष पारंपरिक रूप से पूजन विधि विधान हुए। पश्चिम बंगाल सहित पूर्वी भारत के राज्यों में आश्विन पूर्णिमा को कोजागरी पूजा की जाती है। दास ने बताया कि प्रवासी बंगाली भी हर वर्ष कोजागरी पूजा करते हैं।
साथ देने वाला न हो तो फूल भी चुभने लगता है
मैसूरु. सिटी स्थानक में विराजित डॉ. समकित मुनि ने उत्तराध्ययन सूत्र का विवेचन करते हुए कहा कि जो समय की कद्र नहीं करता, समय उसे बेकद्र कर देता है। जो समय को फेल करने की कोशिश करता है, समय उसे जिंदगी में कभी पास नहीं होने देता।
समय के साथ किया गया प्रमाद अपनी आत्मा के साथ किया गया अन्याय है। जो पलभर के लिए अपराध करता है समय उसे अनंत सुख से वंचित कर देता हूं। समय बड़ा खतरनाक है। जो समय को पास करता है, समय उसके सुखों को बायपास कर देता है। अगर जिंदगी में कोई साथ देने वाला ना हो तो फूल भी चुभने लगता है। वह भाग्यशाली रिश्ते होते हैं जिनके भोग में से योग का जन्मता है। जहां आतिथ्य सत्कार की भावना नहीं होती, वहां पर किस्मत रूठ जाती है।
Published on:
25 Oct 2018 07:04 pm
बड़ी खबरें
View Allबैंगलोर
कर्नाटक
ट्रेंडिंग
