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अपराध पीडि़त महिलाओं के हितों की अनदेखी

संगोष्ठी में बोलीं इंदिरा जयसिंह: कहा, नहीं मिल पा रही चिकित्सा, कानूनी सुरक्षा व मनोवैज्ञानिक, आर्थिक मदद

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indira jaisingh

अपराध पीडि़त महिलाओं के हितों की अनदेखी

हुब्बली. कर्नाटक प्रदेश कानून विश्वविद्यालय ने सोमवार को विक्टिमोलॉजी और भारतीय आपराधिक न्याय प्रणाली विषय पर जस्टिस आर. जी. देसाई व्याख्यान का आयोजन किया। मुख्य वक्ता व उच्चतम न्यायालय की वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध, पीडि़ताओं की आर्थिक मदद, पुनर्वास और उनके मानवाधिकारों के संरक्षण विषय पर विचार रखे। उन्होंने कहा कि पीडि़ताओं को आवश्यकता अनुसार चिकित्सीय, कानूनी, मनोवैज्ञानिक व आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने पर जोर देने की जरूरत है।

पीडि़ताओं की अर्थिक मदद के लिए योजनाए हैं, लेकिन वे पीडि़ताओं तक नहीं पहुंचती है। आर्थिक मदद के साथ पीडि़ताओं को न्याय सुनिश्चित करा पाना न्याय प्रणाली के लिए बड़ी चुनौती है। न्याय व्यवस्था, पुलिस प्रशासन और सरकार का ध्यान केवल अपराधी को पकडऩे और आपराधिक प्रकरणों की विवेचना तक ही केंद्रित न हो। ऐसे में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका अहम हो जाती है। 70 के दशक तक आपराधिक न्याय प्रणाली में अपराध पीडि़ताओं के लिए शायद ही कोई जगह थी। लेकिन बीते कुछ दशक में पीडि़ताओं के प्रति समाज का नजरिया बदला है। प्रतिष्ठित न्यायाधीश, अधिवक्ताओं व विचारकों के योगदान के कारण देश में विक्टिमोलॉजी का विकास हुआ।

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जयदेव अस्पताल की राह ताकते मरीज
उद्घाटन के दो माह बाद भी सुविधाएं नहीं
बेंगलूरु. मैसूरु के केआरएस रोड स्थित जयदेव इंस्टीट्यूट ऑफ कार्डियोवैस्कुलर साइंसेस एंड रिसर्च के उद्घाटन के दो माह के बाद भी अस्पताल में कामकाज शुरू नहीं हो सका है। पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या ने 10 मार्च को अस्पताल का उद्घाटन किया था, जिसके बाद इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. सी.एन. मंजूनाथ ने दो से तीन सप्ताह में परिचालन शुरू होने की बात कही थी। लेकिन अब तक ऐसा नहीं हो सका है। डॉ. मंजूनाथ ने बताया कि मध्य जुलाई में अस्पताल का पूर्ण संचालन शुरू होने की उम्मीद है। चिकित्सकीय उपकरण लगाने व पूरी व्यवस्था को ट्रैक पर लाने का काम अंतिम चरण पर है। 210 करोड़ रुपए के लागत से निर्मित इस अस्पताल में 350 बिस्तर हैं।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सिद्धरामय्या ने आनन-फानन में आधे-अधूरे अस्पताल का उद्घाटन कर दिया था। अस्पताल को लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है। उद्घाटन के बाद अब भी कई लोगों को लगता है कि अस्पताल में उपचार हो रहा है। उद्घाटन के कुछ दिन बाद ही मरीजों ने अस्पताल आना शुरू कर दिया था। इसी क्रम में हृदय घात के एक मरीज को अस्पताल से लौटना पड़ा था।