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इसरो का ऐप स्मारकों की सुरक्षा में मददगार होगा

अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग अब स्मारकों की सुरक्षा एवं उसके आस-पास होने वाले निर्माण पर नजर रखने में भी होगा। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन

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Shankar Sharma

Apr 30, 2016

bangalore photo

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बेंगलूरु. अंतरिक्ष तकनीक का उपयोग अब स्मारकों की सुरक्षा एवं उसके आस-पास होने वाले निर्माण पर नजर रखने में भी होगा। इसके लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐप 'स्मारक सिटीजन' विकसित किया है।

इसरो के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस ऐप में केंद्र द्वारा संरक्षित किए जाने वाले देशभर के 3686 स्मारकों का नक्शा एवं पूरी जानकारी समाहित है। इसके जरिए स्मारकों के आसपास होने वाले किसी भी अतिक्रमण पर रीयल टाइम नजर रखी जा सकेगी। इसके अलावा अगर कोई बिल्डर या डवलपर स्मारकों के आसपास कोई इमारत खड़ी करना चाहता है और वह तमाम शर्तों को पूरा करता है तो उसे मंजूरी देने में भी आसानी होगी।

परियोजनाओं को जल्दी मिलेंगी मंजूरी
दरअसल, राष्ट्रीय स्मारक प्राधिकरण (एनएमए) स्मारकों के आसपास निर्माण से जुड़े प्रस्तावों को हरी झंडी देने से पहले एक टीम वहां भेजता है। यह टीम स्थानीय स्तर पर यह जांच करती है कि निर्माण प्रस्ताव तमाम मानदंडों को पूरा कर रहा है या नहीं।

निर्माण स्थल हर हाल में ऐतिहासिक महत्व के स्मारकों से कम से कम 300 मीटर की दूरी पर होना चाहिए। पहले प्राधिकरण को इस तरह के प्रस्तावों को मंजूरी देने में कम से कम 5 महीने का समय लग जाता था। मगर अब इस ऐप की सहायता से एक क्लिक पर सारी जानकारियां उपलब्ध होंगी। इससे प्राधिकरण को भी परियोजनाओं को मंजूरी देने में सहूलियत होगी और जल्दी प्रस्ताव को मंजूरी मिल पाएगी। यह ऐप स्मारकों के आसपास होने वाले हर निर्माण पर भी पैनी नजर रखेगा और अवैध निर्माणों पर तुरंत रोक लगाई जा सकेगी।