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VIDEO सूर्य की रंग-बिरंगी छवि उतारते आदित्य एल-1 का इसरो ने जारी किया वीडियो

200 एनएम से 400 एनएम वेबलेंथ पर ली गई सूर्य की पहली छवि

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बेंगलूरु. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने देश की पहली सौर अंतरिक्ष वेधशाला आदित्य एल-1 के उपकरण सोलर अल्ट्रवायलेट इमेजिंग टेलीस्कोप (सुइट) के उस वक्त का वीडियो जारी किया है, जब पे-लोड ने 11 अलग-अलग किस्म के फिल्टरों का उपयोग करते हुए सूर्य के पूर्ण डिस्‍क की विभिन्न रंगों में कई छवियां ली। ये तस्वीरें 200 एनएम से 400 एनएम वेबलेंथ पर ली गई थीं।

वीडियो में यह दिखाया गया है कि, सुइट का मुख (एपर्चर) खुलता है और सूर्य विकिरण की एक निश्चित मात्रा पे-लोड के अंदर थर्मल फिल्टर तक पहुंचती है। फिर उसका मुख बंद हो जाता है।

इसरो के पूर्व वैज्ञानिक मनीष पुरोहित ने पत्रिका को बताया कि, अगर सूर्य विकिरण की संपूर्ण मात्रा पे-लोड के अंदर प्रवेश कर जाए तो उसका दर्पण और डिटेक्टर अत्यधिक गर्म होने के कारण खराब हो सकता है। इसलिए इस पे-लोड से 200 एनएम वेबलेंथ के नीचे और 400 एनएम वेबलेंथ के ऊपर वाले सौर विकिरण प्रतिबिंबित होकर बाहर निकल जाते हैं। केवल एक फीसदी विकिरण ही पे-लोड के मुख्य ऑप्टिकल कक्ष तक पहुंचता है। संपूर्ण सौर विकिरण के पे-लोड के अंदर प्रवेश को रोकने के लिए धातु के डाइ-इलेक्ट्रिक थर्मल फिल्टर लगे हैं। जो अधिकांश सौर विकिरण को वापस निकाल देते हैं।

उन्होंने बताया कि पे-लोड में दो फिल्टर व्हील पर अलग-अलग किस्म और रेंज के कई फिल्टर लगाए गए हैं। इन्हीं 11 फिल्टरों ने सूर्य की रंग-बिरंगी तस्वीरें उतारी थीं। आने वाले दिनों में सूर्य की विभिन्न वेबलेंथ पर तस्वीरें उतारी जाएंगी। दरअसल, सुइट ने 200 एनएम से 400 एनएम वेबलेंथ पर सूर्य की पहली पूर्ण छवि उतारी हैं। इससे सूर्य के धब्बों, बाहरी परतों और उसके शांत क्षेत्रों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिली है।

सुइट पे-लोड के जरिए सूर्य के प्रभामंडल एवं वर्णमंडल की जटिलताओं के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलने की उम्मीद है। सुइट पे-लोड को 20 नवम्बर को चालू किया गया और उसके बाद उसने पहली छवि 6 दिसम्बर को उतारी। वीडियो भी उसी दिन का है। आदित्य एल-1 के अगले महीने 7 जनवरी को लग्रांज-1 पर पहुंचने की उम्मीद है।