
बेंगलूरु. प्रेम को पाना जितना सरल है अहंकार का त्याग करना उतना ही कठिन। किंतु जो व्यक्ति स्वार्थ से परे होकर अहंकार को त्याग देता है प्रेम की अनुभूति उसे स्वत ही हो जाती है। यह विचार जीतो चैप्टर बेंगलूरु नॉर्थ के अंतर्गत जीतो लेडीज विंग की ओर से आयोजित दो दिवसीय कार्यक्रम होलिस्टिक हार्मनी के समापन सत्र में प्रशिक्षक कमल नाथ ने व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कोई भी मनुष्य तब तक महान नहीं बन सकता है, जब तक कि उसके भीतर एकाग्रता, जुनून और समर्पण न हो। इसलिए प्रेम के साथ समर्पण भाव जरूरी है। कार्यक्रम को पांच सत्रों में विभाजित किया गया। जिनमें ध्यान, साधना, भ्रमण, ट्रैकिंग आदि किए गए। प्रशिक्षक मीना जैन ने कहा कि अपने लक्ष्यों की ओर काम करें। जो चीजें आगे बढ़ने से रोक रही हैं, उन्हें छोड़ दें। प्रशिक्षक सुष्मिता सेठिया ने कहा कि सफलता पाने की राह में आपको कई तरह की बाधाओं का सामना करना पड़ेगा। प्रायोगिक प्रशिक्षण के जरिए सुष्मिता ने सभी के नकारात्मक विचारों में बदलाव लाने का प्रयास किया और सकारात्मक ऊर्जा भरी।
संयोजिका रक्षा छाजेड व सह-संयोजिका शिखा तातेड ने संयुक्त रूप से कार्यक्रम का संचालन किया। उपाध्यक्ष लक्ष्मी बाफना, सहमंत्री पिंकी मेहता, कोषाध्यक्ष मधु कटारिया ने नेटवर्किंग कार्यभार सम्भाला। ममता, दीपू मांडोत, संगीता मुथा, शीतल जैन, आरती लुनिया, जयश्री बरडि़या, मीना जैन, अल्का लोढ़ा, स्वीटी नाहर, सिंपल हिंगड़ सहित अन्य ने विचार व्यक्त किए।सभी प्रशिक्षकों का, सहयोगी सदस्यों का सम्मान किया गया। अध्यक्ष बिन्दु रायसोनी ने स्वागत किया। महामंत्री सुमन वेद मेहता ने धन्यवाद दिया।
Updated on:
01 Jul 2024 02:53 pm
Published on:
01 Jul 2024 02:52 pm
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