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अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश थी बड़ी भूल : शिवकुमार

जनादेश इस बात का सबूत है कि किसी भी सरकार को धार्मिक मामलों से दूर रहना चाहिए

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अलग धर्म का दर्जा देने की सिफारिश थी बड़ी भूल : शिवकुमार

बेंगलूरु. शिवकुमार ने कहा कि पिछली कांग्रेस सरकार ने लिंगायतों को अलग धर्म का देने की सिफारिश कर गलती की थी। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शिवकुमार ने गदग में रंभापुरी मठ की ओर से बुधवार को आयोजित दशहरा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि हमारी पिछली सरकार ने लिंगायतों को अलग धर्म के तौर पर मान्यता देने की सिफारिश कर गलती की थी।

शिवकुमार ने कहा कि मेरा मानना है कि सरकार और नेताओं को धर्म और जाति के मसलों से दूर रहना चाहिए लेकिन हमने पिछली सरकार में लिंगायतों को अलग धर्म के तौर पर मान्यता देने की सिफारिश कर गलती की थी। हमने ये अपराध किया।

शिवकुमार ने सिद्धरामय्या सरकार के इस कदम को विधानसभा चुनाव में हार के लिए जिम्मेदार मानते हुए कहा कि जनता के फैसले से साफ है कि उसे सरकार की पहल पसंद नहीं आई। जनता ने हमारे फैसले को नहीं स्वीकारा। जनादेश इस बात का सबूत है कि किसी भी सरकार को धार्मिक मामलों से दूर रहना चाहिए।

शिवकुमार ने जनता से पिछली सरकार की इस गलती के क्षमा मांगते हुए कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए धर्म और जाति से जुड़े मसलों को नहीं भुनाया जाना चाहिए। यह अस्वीकार्य है। शिवकुमार ने लोगों से कांग्रेस को दिल से माफ करने की अपील भी की।

कुमारस्वामी व खंड्रे ने झाड़ा पल्ला
मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और प्रदेश कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंड्रे ने शिवकुमार के बयान से उपजे राजनीतिक विवाद से पल्ला झाड़ लिया। मैसूरु में शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत के दौरान इस बारे में पूछे जाने पर कुमारस्वामी ने कहा कि यह उनसे जुड़ा मसला नहीं है और शिवकुमार के बयान पर कुछ नहीं कहना चाहते हैं।

कुमारस्वामी ने कहा कि गठबंधन सरकार में कभी भी इस मसले पर चर्चा नहीं हुई। चार महीने के दौरान कभी इस मसले पर मंत्रिमंडल मेंं विचार नहीं किया गया।

कुमारस्वामी ने कहा कि पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान जब लिंगायत और वीरशैव समुदाय इस मसले को लेकर उलझे तब उन्होंने सुझाव दिया था कि यह धार्मिक मसला है लिहाजा दोनों समुदायों के सिर्फ धार्मिक नेताओं को एक साथ बैठकर मामले को सुलझाना चाहिए और आज वे अपने इस बात पर कायम हैं।

सिद्धरामय्या सरकार में मंत्री रहे लिंगायत समुदाय से आने वाले खंड्रे ने कहा कि यह शिवकुमार की व्यक्तिगत राय है जिस पर मैं कुछ नहीं कह सकता हूं। खंड्रे ने कहा कि मेरी राय साफ रही है और अब उसे दुहराने की आवश्यकता नहीं है। मंत्री का बयान उनकी राय है और उस पर मेरी प्रतिक्रिय आवश्यक नहीं है।