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93 फीसदी नौनिहालों ने गटकी दवा, घर-घर जाकर चलेगा अभियान

- कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने किया पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ

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93 फीसदी नौनिहालों ने गटकी दवा, घर-घर जाकर चलेगा अभियान

93 फीसदी नौनिहालों ने गटकी दवा, घर-घर जाकर चलेगा अभियान

बेंगलूरु. मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने रविवार को पांच वर्ष से कम उम्र के कुछ बच्चों को पोलियो की खुराक पिला पल्स पोलियो अभियान की शुरुआत की। मोप-अप ऑपरेशन दो मार्च तक चलेगा।

स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. के. सुधाकर ने बताया कि प्रदेश में पांच वर्ष से कम उम्र के 64,77,102 बच्चों को खुराक पिलाने का लक्ष्य है। इनमें से 10.80 लाख बच्चे बेंगलूरु शहर में हैं। टीकाकरण के लिए राज्य में कुल 5,223 बूथ स्थापित किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि 2011 के बाद से भारत में पोलियो का कोई मामला सामने नहीं आया है और विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2014 में भारत को पोलियो मुक्त राष्ट्र घोषित किया था। लेकिन, पड़ोसी देशों में कुछ मामले सामने आए हैं। इसलिए टीकाकरण जारी रखना जरूरी है।

बृहद बेंगलूरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) के मुख्य आयुक्त गौरव गुप्ता ने बताया कि टीकाकरण कार्यक्रम बीबीएमपी के शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में 141 योजना इकाइयों के साथ पूरे शहर में लागू किया गया। स्कूलों, पार्कों, मेट्रो स्टेशनों, धार्मिक स्थलों, बस स्टेशनों, बाजार क्षेत्रों, शॉपिंग मॉल और मलिन बस्तियों में विशेष मोबाइल और ट्रांजिट बूथ के अलावा, 198 वार्डों में 3,404 टीकाकरण बूथ स्थापित किए गए। बूथों में कार्यक्रम क्रियान्वयन, कवरेज और प्रबंधन की देखरेख और समन्वय के लिए सभी विभागों से नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं। मेडिकल और नर्सिंग कॉलेजों, रोटरी और लायंस क्लबों, अक्षय पात्र और कई अन्य गैर-सरकारी संगठनों के समर्थन से कुल 15,000 लोगों को इस अभियान में लगाए गए हैं।

28 फरवरी से दो मार्च तक स्वास्थ्यकर्मी घर-घर जा पोलियो की खुराक देंगे। 1,08,881 वैक्सीनेशन कर्मचारी, 7138 सुपरवाइजर और 960 ट्रैफिक टीमों को इस काम में लगाया है।

यह रही स्थिति
राज्य में 93.50 फीसदी बच्चों ने पोलियो खुराक पी। मण्ड्या जिले में 99.77 फीसदी, बेंगलूरु ग्रामीण जिले में 97.97 फीसदी, चामराजगर जिले में 97.16 फीसदी, चिकमगलूरु जिले में 97.07 फीसदी, उडुपी जिले में 96.06 फीसदी, मैसूरु जिले में 95.99 फीसदी, उत्तर कन्नड़ जिले में 95.35 फीसदी जबकि शिवमोग्गा जिले में सबसे कम 81.82 फीसदी बच्चों ने खुराक ली।