
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए आयुर्वेदिक विशेषज्ञों की भी लेंगे सलाह: श्रीरामुलू
मैसूरु. स्वास्थ्य मंत्री बी. श्रीरामुलू ने कहा कि नोवल कोरोना वायरस के संबंध में वे आयुर्वेद व विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों के विशेषज्ञों से संपर्क कर उनकी राय लेंगे।
उन्होंने कहा कि आयुर्वेद एक व्यापक विज्ञान है। इसके विशेषज्ञों के पास बहुमूल्य प्राचीन ज्ञान है। चिकित्सकों व वैज्ञानिकों से भी वे विचार-विमर्श कर रहे हैं। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसंधान परिषदों ने भारतीय पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के आधार पर, जो कि आयुर्वेद, होम्योपैथी और यूनानी पद्धतियों पर आधारित हैं, इस संक्रमण से बचने के लिए कुछ सलाह दी है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना वायरस का खतरा नहीं है। अब तक इसके एक भी मरीज की पुष्टि नहीं हुई है। इसके बावजूद वायरस की संक्रामकता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हर संभव एहतियाती कदम उठाया है। मुख्यमंत्री बीएस येडियूरप्पा ने भी इसके रोकथाम के संबंध में जरूरी दिशा-निर्देश दिए हैं।श्रीरामुलु ने कहा कि जिला और तालुक स्तर के अस्पतालों में भी विशेष वार्ड स्थापित किए गए हैं। हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों व बस अड्डों पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और स्वास्थ्यकर्मी सतर्कता बरत रहे हैं। चीन सहित कोरोना वायरस प्रभावित सभी देशों से पहुंचने वाले यात्रियों की हवाई अड्डों पर थर्मल स्क्रीनिंग जारी है।केरल मेंं तीन पुष्ट मामले सामने आने के बाद कर्नाटक-केरल सीमा पर भी चौकसी बढ़ाई गई है। तीन चेकपोस्टों पर लोगों को जांचा जा रहा है।दवाई और मास्क की कमी नहीं मैसूरु मेडिकल कॉलेज के निदेशक डॉ. सी.पी.नंजराज ने बताया कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए अस्पताल प्रशासन पूरी तरह से तैयार है।दवाइयों सहित एन-९५ मास्क की कोई कमी नहीं है।चिकित्सकों को हर संदिग्ध मरीज को बेहद गंभीरता से लेने के और जांच में किसी तरह की कोताही नहीं बरतने के निर्देश दिए गए हैं।
इससे पहले श्रीरामुलु ने कहा कि इस वायरस के ४४ संदिग्ध व्यक्तियों के रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे गए थे। २९ मामलों में वायरस की पुष्टि नहीं हुई है। जबकि प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार बुधवार तक ७४ संदिग्धों के रक्त के नमूने जांच के लिए भेजे गए हैं। ५२ मामलों में जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
Published on:
06 Feb 2020 09:48 pm
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