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परिवहन निगमों के कर्मचारी हड़ताल करने पर अड़े

सात अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल

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परिवहन निगमों के कर्मचारी हड़ताल करने पर अड़े

परिवहन निगमों के कर्मचारी हड़ताल करने पर अड़े

बेंगलूरु. परिवहन निगमों के कर्मचारियों ने 7 अप्रैल से प्रस्तावित अनिश्चितकालीन हड़ताल वापस लेने से इंकार कर दिया है। केएसआरटीसी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष कोडीहल्ली चंद्रशेखर ने इस बात की पुष्टि की।
उन्होंने यहां मंगलवार को कहा कि राज्य सरकार कर्मचारियों की 10 मांगों को लेकर कतई गंभीर नहीं है। कर्मचारियों की कुछ मांगे पूरी करने का भ्रामक प्रचार किया जा रहा है। सरकार निगम के परोक्ष निजीकरण के प्रयास भी कर रही है। इससे स्पष्ट होता है कि सरकार की मंशा साफ नहीं है।
उन्होंने कहा कि 7 अप्रैल की हड़ताल से पहले राज्य सरकार को चेताने के लिए निगम के कर्मचारी विभिन्न प्रकार के विरोध प्रदर्शन करेंगे। 1 से 6 अप्रैल तक निगम के कर्मचारी काली पट्टी पहनकर काम करेंगे। 2 अप्रैल को कर्मचारी विभिन्न स्थानों पर चाय, कॉफी तथा भजिया बनाकर बेचेंगे।
उन्होंने कहा कि 3 अप्रैल को निगम के कर्मचारियों के परिजन शहर के चौराहों पर मानव शृंखला बनाएंगे। 4 अप्रैल को सार्वजनिक रूप से पर्चे बांटकर तथा सोशल मडिया के माध्यम से आम लोगों को कर्मचारियों की मांगों की विस्तृत जानकारी दी जाएगी। सोशल मीडिया के माध्यम से प्रधानमंत्री तथा मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा जाएगा।
उसके पश्चात 5 अप्रैल को निगम के कर्मचारी धरना देंगे। 6 अप्रैल को निगम के कर्मचारी तथा उनके परिजन भूख हड़ताल कर विरोध प्रदर्शन करेंगे 7 अप्रैल से अनिश्चितकालीन हड़ताल होगी।
राज्य सरकार 9 मांगों में से 8 मांगें पूरी करने का दावा कर रही है लेकिन इसमें कई त्रुटियां है। इस बारे में सरकार की ओर से अभी तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं मिला है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने निगम के कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग की सिफारिशे लागू करने की मांग पर स्पष्ट वादा नहीं किया गया है। तबादलों के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है। सरकार की मौजूदा अंतर विभागीय तबादला नीति से निगम के केवल 2 फीसदी लोगों को ही फायदा होगा।
कर्मचारियों की उच्च अधिकारियों की प्रताडऩा रोकने के लिए कुछ भी नहीं किया गया है। ओवर टाइम दिए बगैर कर्मचारियों से अधिक काम करवाया जा रहा है। शिकायत करने पर निलंबित करने की धमकियां दी जा रही हैं। कोरोना महामारी के दौरान मृत केवल 7 कर्मचारियों के परिजनों को 30 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया है। मृतकों के कई परिजनों की ऐसी मांग लंबित है।