21 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

कॉमेड-के में 900 से ज्यादा छात्रों ने चुना एआइ और एमएल

भट ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के बारे में रिपोर्ट भी एक कारण हो सकता है कि छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अध्ययन का विकल्प चुन रहे हैं

less than 1 minute read
Google source verification
Education News: परिषदीय स्कूलों की बढ़ाई गई छुट्टियां,जानिए कब खुलेंगे स्कूल

कॉमेड-के में 900 से ज्यादा छात्रों ने चुना एआइ और एमएल

विद्यार्थियों के बीच 'फ्यूचरस्किल्स’ वाले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग (एआइ और एमएल) जैसे पाठ्यक्रमों की मांग बढ़ी है। बड़ी संख्या में छात्र इनमें रुचि दिखा रहे हैं। कॉमेड-के (कर्नाटक के मेडिकल इंजीनियरिंग और डेंटल कॉलेजों के कंसोर्टियम) में प्रवेश के पहले दौर से उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार 900 से अधिक छात्रों ने इन पाठ्यक्रमों को चुना है। यह पिछले वर्ष की तुलना में दोगुना है।

लोकप्रिय कंप्यूटर विज्ञान पीछे : कॉमेड-के के सहायक सचिव गुरुराज आर. भट ने बताया कि आम तौर पर प्रवेश के पहले दो दौर में कंप्यूटर साइंस और अन्य कंप्यूटर विज्ञान से संबंधित शाखाओं की मांग सर्वाधिक रहती थी। इस बार पहले दौर में ही एआइ और एमएल के लिए अधिक छात्र मिले हैं। अब तक के आंकड़ों के अनुसार इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार जैसे क्लासिक्स ने लोकप्रिय कंप्यूटर विज्ञान को पीछे छोड़ दिया है। इंजीनियरिंग सीट आवंटन के पहले दौर में कंप्यूटर विज्ञान के लिए 1,000 के मुकाबले 1,300 छात्रों ने इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार को चुना।

भट ने कहा कि देश में सेमीकंडक्टर उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के बारे में रिपोर्ट भी एक कारण हो सकता है कि छात्र इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार अध्ययन का विकल्प चुन रहे हैं। हर साल पहले दौर में कंप्यूटर साइंस की मांग होती थी , लेकिन इस साल इसमें थोड़ा बदलाव आया है। हालांकि, दूसरे और तीसरे दौर में चीजें बदल सकती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इस साल इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार की मांग में वृद्धि सेमीकंडक्टर विनिर्माण उद्योग में तेजी के कारण हुई है।

भविष्य की तकनीक इन्हीं पर आधारित

विश्वेश्वरय्या तकनीकी विश्वविद्यालय (वीटीयू) के कुलपति प्रोफेसर विद्याशंकर एस. के अनुसार एआइ और एमएल की मांग बढ़ गई है क्योंकि हर क्षेत्र में भविष्य की तकनीक इन्हीं पर आधारित है। इस शैक्षणिक वर्ष में कई कॉलेजों को एआइ और एमएल की पेशकश करने के लिए संबद्धता मिली है।