
मैसूरु पहुंचे मुन्नी और दीपा
मैसूरु. मैसूरु चिडिय़ाघर का जिराफ गुवाहाटी चिडिय़ाघर पहुंच चुका है। इसके बदले में भेजे गए बगोरी, दीपू, मुन्नी और मीना मैसूरु चिडिय़ाघर पहुंच चुके हैं। चारों चिडिय़ाघर में कर्मचारियों की निगरानी में आराम फरमा रहे हैं। बगोरी पांच वर्षीय मादा गैंडा का नाम है। आठ वर्षीय दीपू और नौ साल की मुन्नी, हूलॉक गिब्बन (बंदर की प्रजाति) की जोड़ी है, जबकि मीना दो वर्ष और पांच माह की ब्लैक पैंथर (काला तेंदुआ) है।
मैसूरु चिडिय़ाघर के कार्यकारी निदेशक अजीत कुलकर्णी ने मंगलवार को बताया कि चारों स्वस्थ्य हैं। इन्हें फिलहाल कर्मचारियों और पशु चिकित्सकों की निगरानी में हैं। चारों को यहां के वातावरण में ढलने में करीब एक सप्ताह लगेगा जिसके बाद चारों को उनके बाड़ों में छोड़ा जाएगा।
भारतीय गैंडा जिसे एक सींग वाला गैंडा भी कहते हैं वह तीन एशियाई गैंडों में सबसे बड़ा है। भारतीय गैंडा १८०० से २७०० किलो वजनी होता हैं। सात फीट ऊंचा और लगभग ११.५ फीट लंबा होता है। भारतीय गैंडा आकार में अफ्रीका के सफेद गैंडे के लगभग बराबर होता है। हूलॉक गिब्बन एक बंदर प्रजाति है। इसकी औसतन उंचाई ३२ इंच होती है। नर का वजन करीब ६.१ किलो और मादा का वजन ६.९ किलो होता है। ये पूर्वी बांग्लादेश, उत्तर पूर्व भारत और दक्षिण पश्चिम चीन में पाए जाते हैं।
एशिया और अफ्रीका में ब्लैक पैंथर को तेंदुआ और अमरीका में जगुआर के नाम से जाना जाता है। ब्लैक पैंथर को गौर से देखा जाए तो इनके विशिष्ट निशान मौजूद होते हैं।
लेकिन, अत्याधिक काले मेलेनिन वर्णक (रंग देने वाला) के कारण दिखते नहीं हैं। ब्लैक और अन्य पैंथरों में केवल रंग का अंतर होता है।
काले तेंदुए घने जंगलों वाले इलाकों में अधिक पाए जाते हैं। दक्षिण पूर्व एशिया में ज्यादातर देखे जाते हैं। मलय प्रायद्वीप में इनकी आबादी ज्यादा है। यहां के ९० फीसदी से ज्यादा तेंदुए काले होते हैं।
Published on:
18 Dec 2019 04:42 pm
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