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नायडू ने दिए सरकार गठन के लिए 1996 का मॉडल अपनाने के संकेत

महागठबंधन की तैयारी: देवेगौड़ा व कुमारस्वामी से मिले तेदेपा प्रमुख

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नायडू ने दिए सरकार गठन के लिए 1996 का मॉडल अपनाने के संकेत

बेंगलूरु. अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा विरोधी विपक्षी दलों को एकजुट कर महागठबंधन बनाने की मुहिम में जुटे आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री व तेलुगूदेशम पार्टी (तेदेपा) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू ने गुुरुवार को संकेत दिया कि केंद्र मेंं सरकार गठन के लिए प्रस्तावित महागठबंधन 1996 का मॉडल अपना सकता है।

तब गैर कांग्रेस व गैर भाजपा दलों के गठबंधन-संयुक्त मोर्चा ने एच डी देवेगौड़ा के नेतृत्व में सरकार बनाई थी और कांग्रेस ने उसे बाहर से समर्थन दिया था।

नायडू ने यह बात यहां पूर्व प्रधानमंत्री व जद-एस के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेगौड़ा व राज्य के अपने समकक्ष एच डी कुमारस्वामी से मुलाकात के बाद कही। नायडू और जनता दल-एस नेताओं के बीच महागठबंधन के मसले पर चर्चा हुई।

दोपहर में बेंगलूरु पहुंचे नायडू ने पद्मनाभ नगर स्थित आवास पर जाकर देवेगौड़ा से मुलाकात की। इस दौरान कुमारस्वामी भी वहां मौजूद थे। नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री के बारे में निर्णय बाद में लिया जाएगा, अभी प्राथमिकता सभी दलों को एकजुट करना है।

हमारा लक्ष्य पहले लोकतंत्र और फिर देश की रक्षा करना है। नायडू ने कहा कि उनके कहने का मतलब है कि कांग्रेस मुख्य और महत्वपूर्ण पार्टी है और अगर राजनीतिक प्रयोग की बात करें तो देवेगौड़ा के नेतृत्व वाली सरकार का गठन इसका बेहतरीन नमूना है।

पत्रकारों के यह पूछने पर कि क्या विपक्षी गठबंधन के सत्ता में आने की स्थिति में 1996 के मॉडल जैसा सरकार बनाने की बात कर रहे हैं, नायडू ने कहा कि आप लोग कुछ मसालेदार चाहते हैं जबकि मेरी रूचि देश और आम सहमति में है।

नायडू ने कहा कि मीडिया की दिलचस्पी सिर्फ प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार में है जबकि हमारे जैसे नेताओं की दिलचस्पी लोकतंत्र और संस्थाओं को बचाने में है।

नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के बारे में निर्णय हम बाद में भी कर सकते हैं लेकिन विपक्ष को एकजुट करना समय की मांग है।

कुमारस्वामी ने भी कहा कि प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार से ज्यादा महत्वपूर्ण विपक्ष की एकता है। गौरतलब है कि आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने के मसले पर राजग से अलग होने के बाद से ही चंद्रबाबू राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने में जुटे हैं।

इस मसले को लेकर वे भी देवेगौड़ा व अन्य दलों के नेताओं से मिल चुके हैं। चंद्रबाबू हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार और नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारुक अब्दुल्ला से भी मिले थे।

चंद्रबाबू से देवेगौड़ा की यह मुलाकात राज्य में लोकसभा और विधानसभा की पांच सीटों के लिए उपचुनाव मेंं 4-1 से जद-एस कांग्रेस गठबंधन की जीत के दो दिन बाद हुई है।

इन उपचुनावों में कांग्रेस और जद-एस को एक-एक लोकसभा और विधानसभा सीटें मिली थी जबकि भाजपा को सिर्फ एक लोकसभा सीट मिली थी। साथ ही भाजपा 14 साल बल्लारी लोकसभा क्षेत्र मेंं हार गई थी।