
पर्यावरण अनुकूल शोध पर जोर देने की जरूरत: डॉ.सुरेश
कृषि विश्वविद्यालय के उप कुलपित डॉ.एस.वी.सुरेश ने कहा कि कृषि क्षेत्र में अनाज का उत्पादन बढाने के लिए जरूरत से ज्यादा रसायनों का इ्स्तमेाल करने से मिट्टी की गुणवत्ता ख्रराब हो गई।
उन्होंने शनिवार को इंटरनेशनल अकाडमी ऑफ साइंस एंड रिसर्च कोलकाता और फेडरेशन ऑफ इंडियन यूनिवर्सिटीज नई दिल्ली की ओर से गांधी कृषि विज्ञान केन्द्र (जीकेवीके) परिसर में आयोजित पर्यावरण, वानिकी और कृषि पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि बेहतर उपज देने वाली किस्मों, पौध संरक्षण रसायनों पर जोर देने के साथ खाद्य उत्पादन बढ़ाने के लिए 1964 में हरित क्रांति की शुरुआत को प्रमुखता दी गई।
हालांकि, पर्यावरण, विशेषकर मिट्टी पर पडऩे वाले प्रतिकूल प्रभावों को नजर अंदाज कर दिया गया। परिणाम स्वरूप आज मिट्टी की उर्वरता घट रही है, जो चिंता का विषय है।
उन्होंने कहा कि मौजूदा हालात में हमारा देश खाद्य उत्पादन में आत्मनिर्भर है और पर्यावरण अनुकूल शोध पर जोर देने की जरूरत है। चूंकि कृषि सबसे बड़ा रोजगार क्षेत्र है, इसलिए युवा कृषि को एक वाणिज्यिक उद्यम मानते हैं। उन्होंने कहा कि जैव प्रौद्योगिकी, बायो इंजीनियरिंग और डिजिटल कृषि को प्रमुखता देकर पर्यावरण-अनुकूल बनाने से कृषि को प्रतिस्पर्धी दुनिया में ले जाना आवश्यक है। इंटरनेशनल एकेडमी ऑफ साइंस एंड रिसर्च कोलकाता के चेयरमैन डॉ. तन्मयिरुद्रप्पा, शिक्षा निदेशक डॉ. के.सी. नारायण स्वामी, रजिस्ट्रार डॉ. बसवे गौड़ा और कृषि शोधकर्ता सम्मेलन में उपस्थित थे।
Published on:
27 Nov 2023 06:31 pm
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