वर्तमान में, निजी इंजीनियरिंग कॉलेज राज्य सरकार से परामर्श किए बिना नए कॉलेज स्थापित करने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने या प्रवेश बढ़ाने के लिए सीधे अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद All India Council for Technical Education (एआइसीटीइ) से अनुमोदन प्राप्त करते हैं। सरकारी आदेश के अनुसार, सभी निजी सहायता प्राप्त और गैर-सहायता प्राप्त तकनीकी शिक्षा संस्थानों को नए स्नातक या परास्नातक कार्यक्रम शुरू करने या प्रवेश सीमा में बदलाव करने के लिए राज्य सरकार और वीटीयू से एनओसी/अनुमोदन प्राप्त करना होगा।
उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. एम.सी. सुधाकर ने अक्टूबर 2023 में एआइसीटीइ AICTE को पत्र लिखकर इसके उदार मानदंडों पर चिंता व्यक्त की थी। मंत्री के अनुसार इससे टियर-1 शहरों में इंजीनियरिंग कॉलेजों की संख्या में अत्यधिक वृद्धि हुई है और कंप्यूटर विज्ञान जैसे लोकप्रिय विषयों में पाठ्यक्रमों की भरमार हो गई। इससे पूरे राज्य में तकनीकी शिक्षा में संतुलन बिगड़ गया।डॉ. सुधाकर ने सुझाव दिया कि एआइसीटीइ को किसी भी आवेदन को मंजूरी देने से पहले राज्य सरकार की एनओसी अनिवार्य करनी चाहिए। हालांकि, एआइसीटीइ ने कथित तौर पर इस सिफारिश पर सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं दी।
राज्य सरकार ने अब नए कॉलेज खोलने, नए पाठ्यक्रम शुरू करने या पाठ्यक्रम में बदलाव करने के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग और वीटीयू से अनिवार्य एनओसी की आवश्यकता वाले अपने नियम को लागू कर दिया है।वीटीयू के कुलपति प्रो. एस. विद्याशंकर ने कहा, पहली बार तकनीकी शिक्षा विभाग और वीटीयू दोनों से एनओसी प्राप्त करना एआइसीटीइ में आवेदन करने के लिए भी एक शर्त बना दिया गया है। केवल उन कॉलेजों और पाठ्यक्रमों की सीटें ही वार्षिक सीट मैट्रिक्स में शामिल की जाएंगी, जिन्होंने निर्धारित अवधि के भीतर राज्य सरकार से एनओसी हासिल कर ली है।