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बैंगलोर

विपक्ष ही नहीं, सत्तारूढ़ दल भी दे रहा नेतृत्व परिवर्तन के विवादों को हवा

भाजपा से अधिक कांग्रेस नेता आश्वस्त कि, सिद्धरामय्या छोड़ देंगे पद: अशोक
मुख्यमंत्री बदलने का सवाल ही नहीं, अदालत के फैसले के बाद देखेंगे क्या करना है: परमेश्वर

बैंगलोरSep 10, 2024 / 09:09 pm

Rajeev Mishra

Former CM Siddaramaiah addressing a press conference at his residence Cauvery, in Bengaluru on Friday 23rd August 2019

सत्तारूढ़ कांग्रेस की ओर से नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें बार-बार खारिज किए जाने के बावजूद विपक्ष ही नहीं, सत्तापक्ष की ओर से भी इसे रोज हवा दी जा रही है। कांग्रेस के एक और मंत्री ने यह बयान देकर विवाद को हवा दी कि, अगर पार्टी हाइकमान चाहेगा तो वह भी मुख्यमंत्री बन सकते हैं। वहीं, नेता प्रतिपक्ष आर.अशोक समेत भाजपा के कई नेताओं ने भी इसपर प्रतिक्रिया दी। अशोक ने कहा कि, भाजपा से अधिक कांग्रेस नेता आश्वस्त हैं कि, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या पद छोड़ देंगे। लेकिन, गृह मंत्री डॉ जी.परमेश्वर ने फिर एक बार इन अटकलों पर विराम लगाने की कोशिश की।
परमेश्वर ने कहा कि, मुख्यमंत्री को बदलने का कोई सवाल ही नहीं है। चूंकि, मामला अदालत में है इसलिए देखेंगे कि, क्या होता है। दरअसल, मैसूरु शहरी विकास प्राधिकरण (मुडा) के वैकल्पिक भूखंड आवंटन मामले में राज्यपाल के अभियोजन की मंजूरी के बाद मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या अदालत में लड़ाई लड़ रहे हैं। इस बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर पार्टी के विभिन्न नेताओं के बयानों से प्रदेश की राजनीति में अजीबोगरीब स्थिति बन गई है। परमेश्वर ने कहा कि, आज की स्थिति में मुख्यमंत्री बदलने का कोई सवाल नहीं है। भाजपा को कांग्रेस पार्टी के मामले में चिंता क्यों करनी चाहिए? वे अपनी पार्टी के भीतर मतभेदों और विवादों को सुलझाएं। कांग्रेस अपना ख्याल रखेगी। परमेश्वर नेता प्रतिपक्ष आर.अशोक के बयान पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। दरअसल, अशोक ने कहा कि, सत्तारूढ़ कांग्रेस के नेता भाजपा से भी अधिक आश्वस्त हैं कि, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या पद छोड़ देंगे। उन्होंने दावा किया कि, कांग्रेस में एक दौड़ चल रही है। हर कोई मुख्यमंत्री पद का दावा कर रहा है। राज्य का विकास नहीं हो रहा है।
कांग्रेस के भीतर मतभेद उजागर: अश्वथनारायण
भाजपा के महासचिव व विधान परिषद सदस्य सीटी रवि ने कहा कि, सभी जानते हैं कि, सिद्धरामय्या को हटा दिया जाएगा। उन्होंने तो कांग्रेस सरकार के पतन की भी भविष्यवाणी कर दी। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ सीएन अश्वथनारायण ने कहा कि, मुख्यमंत्री बनने की महात्वाकांक्षा रखना कोई गलत बात नहीं है। लेकिन, एक-दूसरे के खिलाफ बयान देना उचित नहीं है। यह कांग्रेस के भीतर व्यापक मतभेदों को उजागर करता है। वर्तमान मुख्यमंत्री आरोपों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस हाइकमान को उन्हें पद से हटा देना चाहिए।
कांग्रेस नेता कर रहे बेधडक़ बयानबाजी
दरअसल, कांग्रेस के भीतर पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री को लेकर कई नेताओं ने बयान दिया है। इनमें आरवी देशपांडे, एमबी पाटिल और शिवानंद पाटिल के बाद, अब शरणबसप्पा दर्शनपुर भी शामिल हो गए हैं। दर्शनपुर ने कथित तौर पर कहा कि, पार्टी में 136 विधायक हैं और सभी मंत्री बनने के योग्य हैं। लेकिन, उनमें से कुछ ही मंत्री बन सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि, बाकी पात्र नहीं है। मुख्यमंत्री का पद एक है। अगर वह पद खाली होता है और पार्टी हाइकमान उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए कहता है तो वह इसके तैयार हैं।
मुख्यमंत्री पद को लेकर केवल प्रतिस्पद्र्धा नहीं, संघर्ष: बोम्मई
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है। राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर केवल प्रतिस्पद्र्धा नहीं है। संघर्ष हो रहा है। सिद्धरामय्या पद पर विराजमान हैं फिर भी हर कोई खुद को मुख्यमंत्री बताने में लगा हुआ है। यह इस बात का साफ संकेत है कि, मुख्यमंत्री का आत्मविश्वास टूट गया है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को सबसे पहले अपने कैबिनेट को आर्डर में लाना होगा। अगर कैबिनेट आर्डर में आएगा तो प्रशासन अपने-आप प्रभावी हो जाएगा। एक भी मंत्री विकास पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है। सभी राजनीति में लगे हुए हैं और प्रदेश कई संकटों से जूझ रहा है।

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