भाजपा के महासचिव व विधान परिषद सदस्य सीटी रवि ने कहा कि, सभी जानते हैं कि, सिद्धरामय्या को हटा दिया जाएगा। उन्होंने तो कांग्रेस सरकार के पतन की भी भविष्यवाणी कर दी। वहीं, पूर्व उप मुख्यमंत्री डॉ सीएन अश्वथनारायण ने कहा कि, मुख्यमंत्री बनने की महात्वाकांक्षा रखना कोई गलत बात नहीं है। लेकिन, एक-दूसरे के खिलाफ बयान देना उचित नहीं है। यह कांग्रेस के भीतर व्यापक मतभेदों को उजागर करता है। वर्तमान मुख्यमंत्री आरोपों का सामना कर रहे हैं। कांग्रेस हाइकमान को उन्हें पद से हटा देना चाहिए।
दरअसल, कांग्रेस के भीतर पिछले एक सप्ताह से मुख्यमंत्री को लेकर कई नेताओं ने बयान दिया है। इनमें आरवी देशपांडे, एमबी पाटिल और शिवानंद पाटिल के बाद, अब शरणबसप्पा दर्शनपुर भी शामिल हो गए हैं। दर्शनपुर ने कथित तौर पर कहा कि, पार्टी में 136 विधायक हैं और सभी मंत्री बनने के योग्य हैं। लेकिन, उनमें से कुछ ही मंत्री बन सकते हैं। इसका मतलब यह नहीं कि, बाकी पात्र नहीं है। मुख्यमंत्री का पद एक है। अगर वह पद खाली होता है और पार्टी हाइकमान उन्हें मुख्यमंत्री बनने के लिए कहता है तो वह इसके तैयार हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने कहा कि, मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या की मौजूदा स्थिति चिंताजनक है। राज्य में मुख्यमंत्री पद को लेकर केवल प्रतिस्पद्र्धा नहीं है। संघर्ष हो रहा है। सिद्धरामय्या पद पर विराजमान हैं फिर भी हर कोई खुद को मुख्यमंत्री बताने में लगा हुआ है। यह इस बात का साफ संकेत है कि, मुख्यमंत्री का आत्मविश्वास टूट गया है। मुख्यमंत्री सिद्धरामय्या को सबसे पहले अपने कैबिनेट को आर्डर में लाना होगा। अगर कैबिनेट आर्डर में आएगा तो प्रशासन अपने-आप प्रभावी हो जाएगा। एक भी मंत्री विकास पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रहा है। सभी राजनीति में लगे हुए हैं और प्रदेश कई संकटों से जूझ रहा है।