
बेंगलूरु. एक निजी कंपनी के 42 वर्षीय कर्मचारी को फर्जी ट्रैफिक चालान घोटाले का शिकार होने के बाद 70,000 रुपये का चूना लगा दिया गया। उसने जोखिम की चेतावनी मिलने के बावजूद एक एपीके फाइल डाउनलोड की थी।
पीडि़त, सिंगसंद्र निवासी हरि कृष्णन को 19 जनवरी को एक वाट्सएप संदेश मिला, जिसमें दावा किया गया था कि उसने ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया है। संदेश में ट्रैफिक टिकट की एक फर्जी रसीद शामिल थी और जुर्माना भरने के लिए उसे 'वाहन परिवहन' ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया था।
फाइल के जोखिम के बारे में चेतावनी के बावजूद, कृष्णन ने ऐप डाउनलोड किया, जो एक करप्ट फाइल निकली। कुुछ ही समय बाद, उन्हें ओटीपी मिलने लगे, जो संकेत दे रहे थे कि उनके फोन के साथ छेड़छाड़ की गई है। उसके बाद उनके क्रेडिट कार्ड से 70,000 रुपये का अनाधिकृत लेनदेन किया गया।
कृष्णन की पत्नी को भी उनके बैंक खाते से लेनदेन के प्रयास के बारे में अलर्ट मिले, क्योंकि उनके फोन पर कुछ ऐप उनके नंबर से जुड़े थे। सौभाग्य से, घोटालेबाज उनके खाते से कोई पैसा नहीं निकाल पाए।
धोखाधड़ी का एहसास होने पर, कृष्णन ने तुरंत अपने बैंक से संपर्क कर लेनदेन को ब्लॉक किया और साइबर हेल्पलाइन को घटना की सूचना दी। 29 जनवरी को, उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स सिटी पुलिस में औपचारिक रूप से शिकायत दर्ज कराई। सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 318 (धोखाधड़ी) के तहत मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने लोगों से ऐसे घोटालों को रोकने के लिए अज्ञात स्रोतों से एपीके फाइलें डाउनलोड करने से बचने का आग्रह किया है।
Published on:
02 Feb 2025 11:34 pm
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