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बावरिया गिरोह का एक सदस्य गिरफ्तार, दूसरा फरार

बेंगलूरु में महिलाओं के आभूषण छीनने की बढ़ती वारदातों की जांच से पुलिस को पता चला कि शहर में बावरिया गिरोह सक्रिय है

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बेंगलूरु. नंदिनी ले आउट पुलिस ने खतरनाक बावरिया गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उसे पकडऩे के लिए गोली चलानी पड़ी। उसकी पहचान उत्तर प्रदेश के रामसिंह उर्फ सुमेर (35) के तौर पर की गई है। उसका साथी फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है। बेंगलूरु में महिलाओं के आभूषण छीनने की बढ़ती वारदातों की जांच से पुलिस को पता चला कि शहर में बावरिया गिरोह सक्रिय है। इस गिरोह के सदस्य बाइक पर जाते हुए एक पल में ही महिलाओं के आभूषण छीन लेते हैं। इस गिरोह को गिरफ्तार करने लिए छह विशेष दल गठित किए गए थे। एक दल को इसके दो सदस्य चिकबाणावार के पास जंगल में छिपे होने की सूचना मिली। बुधवार तड़के पुलिस जंगलों में उनकी तलाश करने निकली।

सोमशेट्टीहल्ली के केरेगुड्डदाहल्ली के जंंगल में कांस्टेबल इमाम साब ने दोनों को देखा तो उन्हें गिरफ्तार करने आगे बढ़ा। रामङ्क्षसह ने इमाम साब पर चाकू से हमला कर दिया। उसका मित्र अंधेरे में फरार हो गया। नंदिनी ले आउट थाने के उप निरीक्षक सोमशेखर ने गोली चला दी। उसे गिरफ्तार कर निजी अस्पताल में भर्ती कराया।

पुलिस ने बताया कि इससे पहले सोलादेवनहल्ली पुलिस थानांतर्गत लक्ष्मीपुर क्रॉस के पास नाकाबंदी कर वाहनों की जांच की जा रही थी। पुलिस कंट्रोल रूम से सूचना मिली कि एक बाइक पर बावरिया गिरोह के दो सदस्य इसी दिशा में आ रहे हैं। रामसिंह और उसके साथी ने पुलिस को देखते ही बाइक को पीछे मोड़ दिया। पुलिस ने पीछा कर उन्हें पकड़ लिया। रामसिंह के एक साथी ने कांस्टेबल बिरदार पर चाकू से हमला कर दिया और बाइक को छोड़ कर जंगल में भाग गए थे। दूसरे आरोपी की तलाश जारी है। उनके खिलाफ सोलादेवनहल्ली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है।

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लापता महिला मानव शास्त्र विशेेषज्ञ का पता चला

बेंगलूरु. बेलंदूर पुलिस थानांतर्गत पिछले पांच दिन से लापता मानव शास्त्र विशेषज्ञ डॉ.अत्रेयी मजूमदार (35) एमजी रोड स्थित एक पांच तारा होटल में पाई गई हैं। वे अब घर लौट चुकी हैं। पुलिस के अनुसार अत्रेयी का पता लगाने के लिए उसके परिवार के सदस्यों ने देश भर में सोशल मीडिया के जरिये उन्हें तलाश करना शुरू किया था। बेलंदूर निवासी अत्रेयी गत 4 अप्रेल को टोरंटो से बेंगलूरु पहुंची थी। वे वहां पोस्ट डॉक्टरल फैलोशिप के तौर पर अध्ययन कर रही थी। वह बेंगलूरु लौटने के बाद एक होटल में ठहरी थी। बेलंदूर की एक अन्य एक होटल में कमरा लिया था। उन्हें 6 अप्रेल की रात नौ बजे होटल से बाहर जाते देखा गया था। होटल के सीसीटीवी में अत्रेयी को अकेले जाते देखा गया है। टोरंटो में अत्रेयी का फोन संपर्क में नहीं लगता था। वह 3, अप्रेल को नई दिल्ली आई थी। वहां से ही अचानक भारत आने की सूचना दी थी। वहां से 4 अप्रेल को बेंगलूरु पहुंची थी।

केंपेेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर बिप्लब नामक एक व्यक्ति ने उनका स्वागत किया और घर भी ले गया था। अत्रेयी का मोबाइल भी उसके घर पर था। इसलिए उसका सुराग लगाने में पुलिस को परेशानी का सामना करना पड़ा। अत्रेयी घर होने के बावजूद होटल में क्यों रुकी और फिर होटल क्यों बदला था। इस बारे में उसके माता-पिता या अन्य किसी को कोई जानकारी नहीं थी। पुलिस उससे पूछताछ करेगी।