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मर्यादा में रहने वाला व्यक्ति ही जीवन में होता है सफल

पार्श्व लब्धि तीर्थ धाम में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्र स्तरीय जयमल जैन संस्कार शिविर के सातवें दिन जयधुरंधर मुनि ने कहा कि जीवन में त्याग का बड़ा महत्व है। भोगों का त्याग किए बिना वैराग्य प्राप्त नहीं हो सकता। छोटे-छोटे नियम ग्रहण करने से भी बहुत बड़ा लाभ प्राप्त होता है।मुनि ने दृष्टांत देते हुए […]

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पार्श्व लब्धि तीर्थ धाम में आयोजित दस दिवसीय राष्ट्र स्तरीय जयमल जैन संस्कार शिविर के सातवें दिन जयधुरंधर मुनि ने कहा कि जीवन में त्याग का बड़ा महत्व है। भोगों का त्याग किए बिना वैराग्य प्राप्त नहीं हो सकता। छोटे-छोटे नियम ग्रहण करने से भी बहुत बड़ा लाभ प्राप्त होता है।मुनि ने दृष्टांत देते हुए कहा कि मानव का सबसे बड़ा शत्रु क्रोध होता है। क्रोध आने पर तुरंत कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए। क्रोध में लिया गया निर्णय अक्सर गलत ही साबित होता है। मर्यादा में रहने वाला व्यक्ति ही जीवन में सफल होता है।साध्वी शशिप्रभा आदि ठाणा ने गीतिका प्रस्तुत की। आचार्य जयमल के जीवन चरित्र पर आधारित डॉ. पदमचंद्र मुनि के लिखित जयध्वज भाग-5 पुस्तक पर आधारित राष्ट्र स्तरीय घर बैठे खुली किताब प्रतियोगिता की प्रश्न पुस्तिका का विमोचन चंपालाल बेताला, हुक्मीचंद लूंकड़, अरुण कुमार गोटावत, आनंद कुमार सेठिया, अजित बाघमार, प्रीति मुणोत ने किया। प्रतियोगिताओं के विजेताओं को पुरस्कार दिए गए। शिविरार्थियों ने गुरु भक्ति गीत प्रस्तुत किए। शांताबाई धोका एवं ग्रुप ने जय गुणगान गीत प्रस्तुत किया। नागौर के प्रकाशचंद बोहरा का सम्मान किया गया। शिविरार्थियों की ओर से 26 अप्रेल को प्रातः 8 बजे फ्रीडम पार्क से अहिंसा एवं पर्यावरण सुरक्षा रैली का आयोजन होगा। संचालन गुड़िया घियां ने किया।