इसके पूर्व साध्वी जिज्ञासा ने कहा कि सुख परमात्मा ने हमें दिया है और दुःख हमारे ख़ुद का निर्माण है। हम स्वयं इसके ज़िम्मेदार हैं। हमारा अंतःकरण सकारात्मक होगा तो हमारा आत्मबल बढ़ेगा। परमात्मा ने चार सूत्र सुखी होने के दिए हैं – एक्ट पॉजिटिव , बी पॉजिटिव , काउंट पॉजिटिव और ड्रीम पॉजिटिव।इस अवसर पर चेन्नई से नवीन श्रीश्रीमाल, संतोष पगारिया, अजीत कोठारी , हुब्बल्ली से पुखराज कोठारी व अन्य क्षेत्रों से अतिथि उपस्थित हुए। लाभार्थी धीरजकुमार नीरजकुमार नाहर परिवार रहे। त्रिशला महिला मंडल की मंत्री रेखा पोखरणा ने विचार रखे। राजाजीनगर संघ अध्यक्ष प्रकाशचंद चाणोदिया ने साधर्मिक सेवा के सभी चेयरमैन का अभिनंदन किया और संचालन संघ मंत्री नेमीचंद दलाल ने किया।