सरकार ने साल २०१८-१९ के बजट में पुलिस विभाग के लिए कुल ६,६४७ करोड़ रुपए का अनुदान देने की घोषणा की है। खेल क्षेत्र में राष्ट्र या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तम कारनामा अंजाम दिए खिलाडिय़ों को पुलिस विभाग में सीधे नियुक्त करने के सिलसिले में नीति जारी होगी। पुलिस नियुक्ति प्रक्रिया आरंभ करने स्थाई रूप से पुलिस सेवा नियुक्ति बोर्ड को गठित होगा। अगले दो सालों में पुलिस प्रशिक्षण स्कूलों को प्रशिक्षण देने की क्षमता और सुविधाओं को बढ़ाया जाएगा। अगले दो साल में ५० करोड़ रुपए के खर्च से प्रशिक्षण क्षमता को ३२०० से ५००० अधिक की जाएगी।
पुलिस कर्मचारियो के साहस का सम्मान करने के लिए बेंगलूरु में ५ करोड़ रुपए के लागत से राज्य पुलिस स्मारक निर्मित किया जाएगा। साइबर अपराध को परिणामकारी रूप से जांच करने और नियंत्रण के लिए साइबर पुलिस थानों के लिए पांच करोड़ रुपए के लागत से साइबर फोरेंसिक प्रयोगशाला स्थापित की जाएगी। पुलिस को जन हितैषी बनाने के लिए तकनीक की मदद से नेटवर्क को मजबूत कर सभी थानों की ब्रॉडबैंड क्षमता बढ़ाई जाएगी। प्रदेश के सभी पुलिस आयुक्त कार्यालयों में निर्भया केन्द्र स्थापित किए जाएंगे।
जिला मुख्यालयों में सभी महिला पुलिस थानों का वन स्टाप सर्विस केंद्रों के रूप में उन्नतिकरण किया जाएगा।
लंबित मुकदमों की त्वरित सुनवाई के लिए सभी जिलों को जेलों और न्यायालयों के लिए विडियो लिंक व्यवस्था उपलब्ध कराई जाएगी। मेंगलूरु में ८५ करोड़ रुपए खर्च कर नई आधुनिक सुरक्षा व्यवस्था वाली जेल निर्मित की जाएगी। कैदियों के लिए विभिन्न पेशेवर कौशल का प्रशिक्षण देकर उनके पुनर्वास के लिए कर्नाटक जेल विकास बोर्ड स्थापित किया जाएगा। बेंगलूरु केंद्रीय जेल में १०० करोड़ रुपए खर्च कर आधुनिक सुरक्षा विभाग स्थापित किया जाएगा।
केएसएएफई-१ योजना के तहत २१३ अग्निशमन थाने बना कर १७४ तहसीलों में अग्नि सुरक्षा प्रदान की गई है। नए ५० तहसीलों में भी अगले पांच सालों मे थाने स्थापित किए जाएंगे। सेवा निवृत्ति के बाद पुनिर्वास के लिए प्रदेश के सभी पूर्व सैैनिकों का डाटा तैयार कर हुनरमन्दी विकास विभाग को जोडा जाएगा।