
रेडिएशन खतरनाक पर मोबाइल बहुउपयोगी
बेंगलूरु. राजस्थान पत्रिका बेंगलूरु के 28वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित पत्रिका फेस्ट के तहत शुक्रवार को कॉक्स टाउन स्थित एक भवन में हम जैन समाज सेवी संगठन के संयुक्त तत्वावधान में राजस्थानी संस्कृति से ओतप्रोत रंगारंग कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान महिलाओं ने जहां राजस्थान पत्रिका की खूबियों को नाटिका व गीत के जरिए प्रस्तुत किया। वहीं मोबाइल की खूबियां बताते हुए इसके कुछ दुष्प्रभाव भी बताए। महिलाओं का कहना था कि मोबाइल के चलते परिवार को दिए जाने वाले समय में कटौती हुई है। मोबाइल प्रथम व परिवार दूसरे स्थान पर दिख रहा है। कार्यक्रम की शुरुआत में हम जैन समाज सेवी संगठन की राखी विमल गादिया ने अतिथियों का स्वागत किया। कॉक्सटाउन स्थानकवासी जैन संघ संघ के मंत्री संतोष लोढ़ा, गौतमचंद फूलफगर तथा चैनराज गादिया आदि बतौर अतिथि मौजूद थे।
पत्रिका एक नशा जैसा
कॉक्सटाउन की संतोष लोढ़ा ने राजस्थान पत्रिका के सफर की जानकारी दी। उन्होंने राजस्थान पत्रिका के संपादक गुलाब कोठारी को मिले अब तक पुरस्कारों व सम्मानों की भी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि घर का दरवाजा खोलते ही सबसे पहले पत्रिका ही उठाती हूं। पत्रिका में देश दुनिया व स्थानीय समाचार देखने के बाद ही उनके दिन की शुरुआत होती है। उन्होंने कहा कि घर के वडील तो राजस्थान पत्रिका समाचार पत्र एक से दो घंटे तक छोड़ते ही नहीं हैं। सच कहा जाए तो राजस्थान पत्रिका समग्र पत्रिका है। उन्होंने कहा कि रेडिएशन स्वास्थ्य के लिए खतरनाक पर मोबाइल बहुउपयोगी यंत्र है।
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मोबाइल से होती दिन की शुरुआत
ज्योति सकलेचा ने मोबाइल और पारीवारिक रिश्तों पर अपने विचार ठेठ मारवाड़ी अंदाज में प्रस्तुत किए। उन्होंने कहा कि पहले के समय में परिवार के वडील बच्चों को संस्कार दिया करते थे और बच्चे भी उसका पालन करते थे। आज समय बदल गया है। बच्चे संस्कार तो ग्रहण करते हैं लेकिन मोबाइल में ऐसे खोते हैं कि उन्हें बड़ेे बुजुर्गों के आने व चले जाने का पता ही नहीं चलता है। धोक लगाना तो दूर की बात हो रही है। पहले सुबह के समय बच्चे उठते ही अपने से बड़े बुजुर्गों के धोक लगाकर आशीर्वाद लते थे। अब तो दिन की शुरुआत मोबाइल के दर्शनों से होती हैं।
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बच्चों के परम्परागत खेल भी निगल गया
डॉ. शायली छाजेड़ ने कहा कि हट्टा कट्टा मोबाइल फोन रिश्तों को निगल गया। ये मोबाइल फोन ऐसे ही हïट्टा कट्टा नहीं हुआ। ये परम्परागत सभी साधन खा गया। मोबाइल तो पड़ोस की दोस्ती और रिश्तेदारी तक खा गया। यह जहां पैसा खा गया वहीं समय भी खा गया। स्वास्थ्य भी खा रहा है तथा लोगों को और बीमार बना रहा है। इसके जवाब में राखी गादिया ने कहा कि मोबाइल अकेला ही है पर काम बहुत सारे करता है। मोबाइल ने जहां बच्चों के खेल निगल लिए दादा-दादी की कहानियां निगल लीं। वहीं बच्चों को कमरे में कैद कर दिया है।
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लाखों लोगों के रोजगार भी चलते हैं
शोभा मूथा ने कहा कि मोबाइल के इतने आदतन हो गए हैं कि चोर भी आ जाए तो पता नहीं चलता है। हाल ये है कि पति घर पर आकर दुकान पर चला जाता है पर मोबाइल में व्यस्त पत्नी को पता हीं नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल से लाखों लोगों के रोजगार भी चलते हैं। मोबाइल का उपयोग कैसे करना है यह हम पर निर्भर करता है। मोबाइल बहुत उपयोगी है। कैसी भी विपदा में फंसने पर मोबाइल एक हथियार के रूप में इस्तेमाल होता है। इसे बेवजह बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। ये मोबाइल ही है जिसके जरिए हम देश-विदेश में बैठे अपनों से सैकंड में बात कर सकते हैं।
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रिश्ते टूटने की वजह बन रहा मोबाइल
शिल्पा कांठेड़ ने कहा कि पहले जब मोबाइली नहीं था तब लोगों का आपस में मिलना जुलना रहता था। संवाद का सिलसिला चलता रहता था। मोबाइल के आगमन के बाद तो मिलना जुलना भी कम हो गया है। बाते तो बहुत होती हैं पर दिलों के बीच का रिश्ता बहुत कम हो गया है। इससे रिश्तों की बुनियाद कमजोर होती जा रही है। ऐसे में रिश्ते बन कम रहे हैं टूट ज्यादा रहे हैं। लोग वर्चुअल लाइफ में रहना ज्यादा पसंद करते हैं।
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हम जैन समाज सेवी संगठन की राखी विमल गादिया ने कविता के माध्यम से माबाइल और रिश्तों की कहानी को कुछ इस तरह शब्दों में पिरोया। मेरंा छोटा सा परिवार, बनके खुशियों की बहार, प्रस्तुत कर जोश भर दिया।
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वसंताबाई सुराणा ने कहा कि वे चार दिन भी घर से बाहर जाएं तो भी परिवार वाले चार दिन का राजस्थान पत्रिका उनके लिए अवेर कर रखते हैं। उन्हें पत्रिका के सिवाय कोई दूसरा पेपर अच्छा नहीं लगता है।
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इस अवसर पर संगीता नाहर और तरुणा सियाल ने परम्परागत राजस्थानी गीत प्रस्तुत किया। सोनिया लूणिया व पिंकी लोढ़ा ने मोबाइल व रिश्ते विषय पर राजस्थानी भाषा में नाटिका प्रस्तुत की। इस नाटिका को लोगों ने खूब सराहा। नाटिका में बताया कि राजस्थान पत्रिका सामान्य ज्ञान वृद्धि का सबसे बड़ा साधन है। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने भी हिंदी में अपनी बात रखी। स्कूली बच्चों ने गायत्री मंत्र की प्रस्तुति दी। किरण जैन और अनु़प्रिया फूलफगर ने मारवाड़ी गीत पर नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में कविता रांका, नीतू बोहरा, शोभा सियाल, प्रकाश बाई बोहरा, निर्मला देवड़ा का सहयोग रहा। कार्यक्रम में स्कूल की प्रशासक कनन, प्रिंसीपल दीपक, हरिता व आइशा भी उपस्थित रहीं।
Published on:
21 Jan 2023 12:32 pm
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